राजस्थान कांग्रेस में आरक्षित वर्ग का जलवा बरकरार, ओबीसी और दलित वर्ग की अच्छी हिस्सेदारी

जयपुरः राहुल गांधी के संसद में बोलने के बाद जातिगत जनगणना का मुद्दा इन दिनों फिर सुर्खियों में है. राहुल गांधी जिसकी जितनी आबादी. उसकी उतनी भागीदारी के आधार पर आरक्षित वर्ग की जमकर पैरवी कर रहे है. राहुल के इस मुद्दे की राजस्थान कांग्रेस संगठन से तुलना करें तो यहां उनका मॉडल पूरा लागू है. प्रदेशाध्यक्ष जहां ओबीसी से आते है तो वहीं नेता प्रतिपक्ष दलित वर्ग से है.

राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना करवाने की मांग केन्द्र सरकार से कर रहे हैं. इसके जरिए राहुल गांधी ओबीसी जातियां और आरक्षित वर्ग को आबादी के तहत हिस्सेदारी देने का मुद्दा उठा रहे हैं. अब सवाल उठता है कि कांग्रेस के भीतर स्टेट की लीडरशिप में राहुल गांधी का यह फार्मूला और मॉडल कितना अपनाया गया है. बात राजस्थान कांग्रेस संगठन और पदाधिकारियों के जातिगत समीकरणों की करें तो यहां तो राहुल गांधी का यह मॉडल बेहतर लागू है. अधिकतर टॉप पोस्ट पर ओबीसी और दलित वर्ग के नेता ही काबिज है. पर सामान्य वर्ग के नेताओं का भी दबदबा कम नहीं है.आइए ग्राफिक्स के जरिए बताते है राजस्थान के कांग्रेस नेता किस वर्ग औऱ जाति से आते हैं.

गोविंद डोटासरा,पीसीसी चीफ-OBC
टीकाराम जूली,नेता प्रतिपक्ष-SC 
अभिमन्यु पूनिया, प्रदेशाध्यक्ष,यूथ कांग्रेस-OBC
 विनोद जाखड़,NSUI प्रदेशाध्यक्ष-SC 
 महिला कांग्रेस अध्यक्ष- राखी गौतम-सामान्य
हेम सिंह,सेवादल अध्यक्ष-सामान्य
 सचिन पायलट,राष्ट्रीय महासचिव-एमबीसी
 भंवर जितेंद्र सिंह,राष्ट्रीय महासचिव-सामान्य
 कुलदीप इंदौरा,राष्ट्रीय सचिव-SC 
 धीरज गुर्जर,राष्ट्रीय सचिव-एमबीसी
 सुखजिंद्र सिंह रंधावा,प्रभारी-जट्ट सिख 
 मोहन प्रकाश-बिहार प्रभारी-सामान्य
 रामकेश मीणा,उप नेता प्रतिपक्ष--ST 
 रफीक खान-चीफ व्हिप- मुस्लिम

राजस्थान में प्रदेशाध्यक्ष,प्रभारी,नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष जैसे पदों पर राहुल गांधी के फार्मूले के तहत आरक्षित वर्ग के नेता काबिज है. करीब 9 नेता आरक्षित वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. लेकिन राष्ट्रीय महासचिव जैसी अन्य पोस्टों पर सामान्य वर्ग के नेताओं को मौका दिया गया है. वहीं मुस्लिम कम्यूनिटी को इस मामले में पूरी तरह से दरकिनार किया गया है. लेकिन कुलमिलाकर राजस्थान कांग्रेस में राहुल गांधी के जातिगत जनगणना के मुद्दें के तहत आरक्षित वर्ग का जलवा है.