जयपुरः तबादलों पर बैन हटने का सचिवालय में साइड इफेक्ट नजर आ रहा है. मंगलवार से इस सप्ताह का कार्यदिवस शुरू हुआ है और तबसे ही सचिवालय में आगंतुक प्रबंधन बड़ी समस्या बना हुआ है. मंगलवार और बुधवार को सचिवालय में दोनों दिन आगंतुकों की संख्या 3500 तक पाई गई है. उधर सचिवालय में प्रवेश से लेकर आवेदन देने और अन्य प्रक्रिया में आगंतुकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ रहा आगंतुकों को
आगंतुकों को लंबी कतार में और भीड़ में खड़े होकर पास बनवाना पड़ रहा है.
वहीं भीड़ प्रबंधन की नीति के चलते पास बनाने के लिए पूरी जानकारी भी ली जा रही है.
ऐसे में पास बनाने के लिए खिड़की पर खड़े होने के अलावा साथ आए आगंतुकों को सीट पर बैठकर लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
वहीं पास बनाकर उसे स्केन करके जब अंदर प्रवेश किया जाता है तो गंतव्य के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. सही जगह जाने के लिए आगंतुकों को खासी पूछताछ करनी पड़ रही है.
इसके बाद भी यदि गंतव्य तक पहुंचने पर अधिकारी या संबंधित व्यक्ति के न मिलने पर निराशा हाथ लग रही है.
तबादलों पर बैन हटने के बाद इच्छुक लोग विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों की डिजायर लेकर सचिवालय में घूमते रहते हैं.
सबसे अहम पहलू यह भी है कि ज्यादातर विभाग ऑनलाइन होने के बावजूद तबादला आवेदन लेने से लेकर निस्तारण तक की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन नहीं हो पाई है या इस प्रक्रिया में काम होने का भरोसा लोगों को नहीं है जिसके चलते ही सचिवालय में भीड़ एकदम से बढ़ रही है.
इसलिए लग रहा जाम
आलम यह है कि सचिवालय आने-जाने के रास्ते में चारों तरफ जाम लगा कार्यालय समय के दौरान जाम लगा रहा.
वहीं काफी संख्या में चौपहिया वाहनों के आने से पार्किंग की खासी समस्या का सामना करना पड़ा. यहां तक कि कई बार चौपहिया वाहनों की एंट्री की भी मनाही की गई क्योंकि पार्किंग के लिए सचिवालय में जीरो स्पेस था. इस सबके बीच हो रही तबादलों पर बैन की अवधि बढ़ाने की अटकलें भी लगाई जा रहीं हैं.