डीडवाना : डीडवाना जिले में भी इन दिनों किसान अपनी रबी की फसल की बुवाई के बाद फसल उगाव के बाद फसलों में पहली सिंचाई के बाद उगे खरपतवार के पौधे भी अंकुरित हो रहे हैं. ऐसे में किसान खरपतवार को नियंत्रित करने में जुटे हैं. फसल उत्पादन के लिए अधिकतर किसान फसल में खरपतवार रोधी दवा के छिड़काव में जुटे हैं.
आपको बता दें कि डीडवाना जिले में गेहूं की फसल की निराई गुड़ाई की जा रही है. इसी दौरान खरपतवार यानी अनावश्यक घास के पौधे भी पनप रहे हैं. किसानो की माने तो आसपास के ग्रामीण क्षेत्र मे इन दिनों रबी की फसलों में जंगली घास व चौड़ी पती वाले खरपतवार उग रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगर समय पर इस खरपतवार पर काबू नहीं पाया तो फसलों में पैदावार कम होगी. हालांकि किसान कृषि विभाग के अधिकारियों की सलाह या अपने अनुभव के आधार पर फसलों में दवाई का स्प्रे कर रहे हैं.
खरपतवार के अलावा कई जगह अन्य कीटों का प्रकोप भी दिखाई देने लगा है, जिसको लेकर भी किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. किसानों के खेतों में रबी की फसल 30 से 35 दिनों की हो चुकी है. ऐसे में फसलों को बचाने के लिए किसानों ने खरपतवार नष्ट करना शुरू कर दिया है. कहीं पारंपरिक तरीके से मजदूरों का सहारा लेकर हाथ से निराई गुड़ाई करके खरपतवार नष्ट कर रहे हैं, तो कहीं खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव किया जा रहा है.
कुछ किसान छोटी टंकी को कमर पर रखकर स्प्रे कर रहे हैं, वहीं अनेक किसान ट्रैक्टर की टंकी के द्वारा दवाई का स्प्रे कर रहे हैं. क्षेत्र के गोपालपुरा गांव में ट्रैक्टर की टंकी से स्प्रे कर रहे किसान परसाराम जाट ने बताया कि गेहूं की फसल में आजकल खरपतवार हो रहा है. इसलिए दवाई का स्प्रे कर रहे हैं. फसल में खरपतवार अभी छोटे हैं, जिन्हें छिड़काव से सहज नष्ट किया जा सकता है.
खरपतवार बढ़ने पर उनकी रोकथाम पर अत्यधिक खर्च कर नष्ट करना पड़ेगा. नियंत्रण में देरी से फसल की पैदावार में कमी से किसानों को आर्थिक हानि होगी. इसी को लेकर किसान अपनी फसलों में से खरपतवार हटाने का काम कर रहे हैं. किसान परसाराम जाट का कहना है कि किसान अपनी फसलों में दवा का छिड़काव करें तो कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर करें.