बीकानेर: तकनीकी के बदलते युग में नौनिहालों का प्रयास यही है कि वो देश के लिए कुछ नया कर सके. इसी मद्देनज़र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में 7 जिलों की 25 स्कूल के छात्र छात्राएं अपने मॉडल्स प्रदर्शित कर बता रहे हैं कि उसमें क्या ख़ास है ? फिर चाय नाश्ता सर्व करने वाला रोबोट हो या पॉल्यूशन कम करने वाला कोई यंत्र.
आपको बता दें कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय बीकानेर में विज्ञान मॉडल एवं टीचिंग एंड कॉम्पिटिशन आयोजित हो रहा है, जिसमें राजस्थान के 7 ज़िलों के छात्र छात्राएं शिरकत कर रहे हैं. अलग अलग अंचल से आए स्कूली छात्र छात्राओं का हुनर देखते ही बन रहा है, भले ही इनके ही प्रयास बहुत छोटे छोटे हैं लेकिन इन प्रयासों में दिखाई देता है कि इनकी सोच क्या है. विज्ञान के कई मॉडल आपको दाते हैं दांतों तले अंगुलियां दबाने के लिए मजबूर करते हैं तो वहीं कुछ मॉडल ये बताते हैं कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारियों के प्रति भी कितना गंभीर है.
मसलन पर्यावरण को लेकर चिंतित है उसके लिए कई मॉडल नज़र आते हैं. इस दौरान छात्र छात्राओं को सीखने का भी ख़ूब मौक़ा मिलता है. एक दूसरों के मॉडल्स के साथ साथ वहां मौजूद एक्सपर्ट भी अपनी राय देते हैं. इन छात्र छात्राओं हौसला अफ़ज़ाई के लिए अधिकारी और शिक्षक भी पहुंच रहे हैं. मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अबरार अहमद , अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सुधीर बोड़ा समेत कई गण्यमान्य लोग इस प्रदर्शनी में पहुंचे.
बोड़ा कहते हैं कि जिले के टॉप 25 मॉडल जो अपने अपने ज़िलों में टॉप रहे हैं उन्हें यहां प्रदर्शित किया गया है छात्र छात्राओं में जिज्ञासा देखी जा रही है. राजस्थान के कई जिलों के स्कूली छात्र छात्राओं द्वारा प्रदर्शित किए गए उन्होने सुधार की गुंजाइश हो,लेकिन यह मॉडल जरूर बताते हैं कि इन स्कूली छात्र छात्राओं के मन में जो विचार पनप रहे हैं उन में खासी संभावनाएं हैं और ऐसी संभावनाएं भविष्य में बेहतर भारत की ओर एक सुदृढ़ संकेत है.