सच बेधड़क के 4 साल... बेमिसाल, राज्यपाल हरिभाऊ बागडे बोले- केवल चार साल में इतना यश मिलना यह कोई साधारण बात नहीं

जयपुरः सच बेधड़क हिंदी समाचार पत्र के चार पूरे होने पर आज कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने शिरकत की. कार्यक्रम में 1st इंडिया के CMD एंड एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र, 1st इंडिया के निदेशक वीरेंद्र चौधरी, 1st इंडिया के CEO एवं मैनेजिंग एडिटर पवन अरोड़ा, विधायक कालीचरण सराफ, मोती डूंगरी के महंत कैलाश शर्मा, विधायक गोपाल शर्मा, 1st इंडिया के सीनियर एडिटर जिनेंद्र सिंह शेखावत, 'सच बेधड़क' के संपादक मनोज माथुर और कार्यकारी संपादक पंकज सोनी भी मौजूद रहे. 

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि फर्स्ट इंडिया समूह के हिंदी समाचार पत्र सच बेधड़क की चौथी वर्षगाठ पर आप सभी के साथ यहां उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है. केवल चार साल में इतना यश मिलना यह कोई साधारण बात नहीं है. मुझे बताया गया है कि 27 सितंबर 2024 को सच बेधड़क का फर्स्ट इंडिया ने अधिग्रहण किया था. इसके बाद तेजी से इस समाचार पत्र ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. मैं इसका भी पाठक हूं. इसीलिए कह सकता हूं कि समाचार और विचार दोनों की ही दृष्टि से यह समाचार पत्र लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रतिष्ठा करते हुए मीडिया के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी महती भूमिका निभा रहा है. 

डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि दो लाइन की बात यह है कि सच बेधड़क का पुनर्जन्म हो चुका है पिछले दो वर्षों और इसका सारा श्रेय जो है वो एक अद्भुत व्यक्ति पवन अरोड़ा को जाता है. हरिभाऊ बागड़े आज प्रवासी राजस्थान का उद्घाटन करके आए हैं. बहुत अच्छा भाषण था. एक नई शुरुआत है और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का जो सपना था कि मैं 25, 30, 35 लाख करोड़ के MOU करूं वो सपना अब साकार हो रहा है. 7 लाख करोड़ के जो MOU हैं वो अब धरातल पे आ गए हैं

पवन अरोड़ा ने कहा कि हरिभाऊ बागड़े राज्यपाल रहते हुए भी एक समाजसेवी की तरह काम कर रहे हैं. महाराष्ट्र में छह बार एमएलए रहकर एक बार विधानसभा अध्यक्ष रहकर और मंत्री पद पर रहने के बाद अब आप राजस्थान में लगभग डेढ़ साल से यहां एक समाजसेवी की तरह एक प्रशासक की तरह यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं. आपके जो फील्ड में दौरे होते हैं, विजिट्स होती हैं, वो बहुत ही मीनिंगफुल होती हैं. वहां बैठकें आयोजित होती हैं और राज्य सरकार की जो भी योजनाएं हैं, नीतियां हैं,कार्यक्रम हैं, उनकी समीक्षा बकायदा राज्यपाल के स्तर पर होती है. कहा जाता है कि यदि सच को बिना लाग लपेट के सीधे सच्चे ढंग से बेधड़क तरीके से परोस दिया जाए या रख दिया जाए तो गहरा असर करता है. तो हमने इसी थीम को ध्यान में रखते हुए इस अखबार को चलाया है. 

वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि फर्स्ट इंडिया मीडिया ग्रुप है इसकी स्थापना 2013 में हुई थी एक चैनल शुरू हुआ और उस चैनल को जो सही मायने में दिशा दी गई वो 2018 में दी गई और 2018 के बाद में जगदीश चंद्रा ने अपने प्रयासों से फर्स्ट इंडिया न्यूज़पेपर चालू किया. यह सब चलते-चलते हमें करीब करीब जो है यह समझ लो 8 9 साल निकल गए और फिर पवन का आगमन हुआ. इन्होंने आते ही पहले साल में फर्स्ट इंडिया प्लस एक एंटरटेनमेंट के लिए अलग प्लेटफार्म और बात पूरी होती उससे पहले ही सच बेधड़क का अधिकरण और सच बेधड़क कोई एक अखबार नहीं है. ये एक नई पहचान है. 

विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि जगदीश चंद्रा आपके बारे में कहने के लिए इतना है कि अगर 24 घंटे बोलता रहूं तो भी विषय पूरा नहीं होगा. लेकिन एक चीज निर्विवाद रूप से निश्चित रूप से कही जा सकती है कि राजस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों के अंदर सक्रिय लोगों में अगर पहला नाम कोई आता है तो जगदीश चंद्रा का आता है. राजस्थान के अंदर सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का केंद्र था. तो वह जेडीए को आवासन मंडल पीछे छोड़ चुका था और इसलिए उसका लाभ में आना बहुत बड़ा विषय होता था. लाभ के लिए था ही नहीं हाउसिंग बोर्ड. बंद हो रहा था. और उसके लिए प्रस्ताव आ चुका था कि हाउसिंग बोर्ड को बंद कर दिया जाए. लेकिन पवन को कौन रोक सकता है?