नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को दावा किया कि भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता के कारण आगामी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2017 की तरह ही अपने मौजूदा पार्षदों को मैदान में नहीं उतारने का फैसला किया है.
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों के लिए आप प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भाजपा पार्षदों पर 35,000 करोड़ रुपये ‘‘हड़पने’’ का आरोप लगाया. वहीं दिल्ली भाजपा ने पलटवार करते हुए पाठक पर खबरों में बने रहने के लिए "कहानियां गढ़ने" का आरोप लगाया. पाठक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा ने निर्णय लिया है कि 2017 की तरह ही वह 2022 के एमसीडी चुनावों के लिए मौजूदा पार्षदों को टिकट नहीं देगी. 2017 में भी उसने अपने किसी पार्षद को टिकट नहीं दिया था.
भाजपा खुद इसे स्वीकार करती है:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि पाठक एमसीडी चुनावों को लेकर उतावले हो रहे हैं और इसलिए कहानियां गढ़ते रहते हैं. उन्हें भाजपा के बारे में चिंता करने के बजाय आप पार्षदों के प्रदर्शन की समीक्षा करनी चाहिए. राजेंद्र नगर से विधायक पाठक ने आरोप लगाया कि यह कदम ‘‘स्पष्ट रूप से इंगित करता है’’ कि भाजपा के सभी पार्षद भ्रष्ट हैं और भाजपा खुद इसे स्वीकार करती है.
आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की:
उन्होंने आरोप लगाया 2017 के चुनावों के दौरान, उनके सभी पार्षद भ्रष्ट पाए गए थे. वे पैसे वसूल करते थे और एमसीडी की रकम हड़प लेते थे... पांच साल बाद भी वही हाल है. उनके पार्षद पूरी तरह से भ्रष्ट और पूरी तरह से अक्षम हैं. पाठक ने सवाल किया कि जब भाजपा ने 2017 और 2022 में स्वीकार किया कि उसके सभी पार्षद भ्रष्ट हैं, तो उसने आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की.
सीबीआई-ईडी जांच का आदेश नहीं दिया गया:
उन्होंने आरोप लगाया कि इन पार्षदों ने 2017 से 2022 के बीच लगभग 35,000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया है. उनके नेताओं और एमसीडी अधिकारियों ने नगर निकाय के बजट का लगभग आधा हिस्सा हड़प लिया है. हालांकि, कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई, एक प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई, भाजपा के एक भी पार्षद के खिलाफ सीबीआई-ईडी जांच का आदेश नहीं दिया गया.
उन्होंने आरोप लगाया कि पैसे लूटने वाले उनके पार्षद हैं लेकिन जेल कौन जाता है? सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और अन्य नेता. यह किस प्रकार का न्याय है? भाजपा पार्षदों ने एमसीडी को इस हद तक लूटा है कि दिल्ली में इससे बुरे हालात नहीं हो सकते थे.
अगले साल की शुरुआत में होने की उम्मीद:
आप नेता ने दावा किया कि लोग आगामी एमसीडी चुनावों में भाजपा को वोट नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि वे किसी झांसे में नहीं आएंगे और न ही किसी के बहकावे में आएंगे. वे उनके सभी पार्षदों को सबक सिखाएंगे, जो अपनी जमानत राशि भी नहीं बचा पाएंगे. एमसीडी चुनाव 2022 के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में होने की उम्मीद है.
आठ मार्च को कार्यक्रम की घोषणा करने वाले थे:
चुनाव अप्रैल में होने थे और दिल्ली के तत्कालीन निर्वाचन आयुक्त एस के श्रीवास्तव आठ मार्च को कार्यक्रम की घोषणा करने वाले थे. लेकिन चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ घंटे पहले केंद्र की तीन पूर्ववर्ती नगर निगमों को फिर से जोड़ने की योजना के कारण इस पर रोक लगा दिया गया. मई में केंद्र द्वारा नगर निगमों का पुन: एकीकरण किया गया था और वार्डों के परिसीमन की कवायद जुलाई में शुरू की गई थी. सोर्स-भाषा