‘आत्मनिर्भर भारत’ GDP में विनिर्माण हिस्सेदारी बढ़ाने की स्वीकार्यता- निर्मला सीतारमण

‘आत्मनिर्भर भारत’ GDP में विनिर्माण हिस्सेदारी बढ़ाने की स्वीकार्यता- निर्मला सीतारमण

वाशिंगटन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को यहां कहा कि आत्मनिर्भर भारत न तो ‘पृथकतावाद’ है और ना ही ‘संरक्षणवाद’, बल्कि यह इस तथ्य की स्वीकार्यता है कि भारत को जीडीपी में अपनी विनिर्माण हिस्सेदारी बढ़ानी चाहिए.

सीतारमण ने यहां प्रतिष्ठित ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में व्यापक तौर पर औद्योगिकीकरण नहीं हुआ क्योंकि इसके लिए अवसंरचना और संपर्क की कमी थी.

पिछले आठ साल में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया:
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने पिछले आठ साल में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया है. उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर’ भारत का गलत आशय निकाला जाता है जबकि वास्तव में यह इस तथ्य की स्वीकार्यता है कि भारत को कुशल और अर्द्धकुशल कामगारों के लिए रोजगार के अवसरों के सृजन के लिहाज से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अपनी विनिर्माण साझेदारी बढ़ानी चाहिए. सोर्स-भाषा