CM अशोक गहलोत के बड़े फैसले: निःशुल्क एवं रियायती यात्रा के लिए बजट, राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण के लिए क्षेत्राधिकार निर्धारित

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को दो बड़े फैसले किए. सीएम गहलोत ने एक तरफ जहां निः शुल्क एवं रियायती यात्रा हेतु 102.50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी. वहीं राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण की जयपुर और जोधपुर स्थाई पीठ के क्षेत्राधिकार का निर्धारण कर दिया. 

राज्य सरकार द्वारा राजस्थान रोडवेज की बसों में विभिन्न वर्गों को निः शुल्क एवं रियायती यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इसमें राज्यभर में परीक्षा देने के लिए जाने वाले प्रतियोगी परीक्षार्थी सबसे ज्यादा लाभान्वित हो रहे हैं. इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने बसों में निः शुल्क एवं रियायती यात्रा के लिए 102.50 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट को मंजूर कर दिया.  

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पूर्व में 255 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जिसमें 244.71 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके है. इसे देखते हुए यह बजट शेष अवधि के लिए स्वीकृत किया गया है. मुख्यमंत्री के इस फैसले से  विद्यार्थियों, परीक्षार्थियों, वृद्धजनों, पत्रकारों, स्वतंत्रता सेनानियों, खिलाड़ियों, राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों सहित 50 से अधिक विभिन्न वर्गों में यात्रियों को निगम की बसों में निःशुल्क एवं रियायती दरों पर यात्रा मिलती रहेगी. यात्रियों को मिलने वाले विभिन्न यात्रा परिलाभों का पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है. इस वर्ष के लिए राज्य बजट से 255 करोड़ रुपये का बजट निःशुल्क एवं रियायती यात्रा हेतु किया गया था.

- निःशुल्क एवं रियायती यात्रा के लिए 102.50 करोड़ रु की मंजूरी
- प्रतियोगी परीक्षार्थी सबसे ज्यादा लाभान्वित हो रहे हैं
- वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 255 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था
- अब तक 244.71 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके है
- 50 से अधिक विभिन्न वर्गों में निःशुल्क एवं रियायती दरों पर यात्रा मिलती रहेगी

एक अन्य फैसले में मुख्यमंत्री ने राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण की जयपुर और जोधपुर स्थाई पीठ के क्षेत्राधिकार निर्धारण के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. उन्होंने राजस्थान सिविल सेवा नियम, 1976 के नियम 6 में संशोधन के प्रारूप पर सहमति दी है. इस फैसले से जयपुर स्थाई पीठ के क्षेत्राधिकार में जयपुर, अजमेर, भरतपुर और कोटा संभाग के जिलों को शामिल किया गया है. वहीं, जोधपुर स्थाई पीठ के क्षेत्राधिकार में जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर संभाग के जिले शामिल हैं. दोनों पीठ के क्षेत्राधिकार निर्णय से प्रकरणों के निस्तारण और न्यायिक कार्यों में सुगमता आएगी. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने इस साल अगस्त में जोधपुर में राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण की स्थाई पीठ गठन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इसके बाद अब क्षेत्राधिकार के निर्धारण का भी अनुमोदन किया है.

राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण के लिए फैसला:-
- जयपुर और जोधपुर स्थाई पीठ के क्षेत्राधिकार का निर्धारण
- सिविल सेवा नियम, 1976 के नियम 6 में संशोधन को मंजूरी
- जयपुर स्थाई पीठ के क्षेत्राधिकार में जयपुर, अजमेर, भरतपुर और कोटा संभाग के जिले शामिल
- जोधपुर स्थाई पीठ के क्षेत्राधिकार में जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर संभाग के जिले शामिल
- प्रकरणों के निस्तारण और न्यायिक कार्यों में सुगमता आएगी