जयपुर: एक संत के बलिदान ने इन दिनों खनन माफिया की शामत ला रखी है. ब्रज चौरासी की घटना के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुरू हुए अभियान के 125 दिनों जो कार्रवाई खनन माफिया के खिलाफ हुई है वैसी अभी तक कभी देखने को नहीं मिली. इस बार सरकारी मशीनरी खनन माफिया को उखाड़ फेंकने की इच्छाशक्ति दिखा रही है यही कारण है कि 125 दिन में 958 एफआईआर दर्ज कर 573 को गिरफ्तार किया गया है. रोजाना औसतन 25 मामले और 7 एफआईआर दर्ज की जा रही हैं जो अवैध खनन पर कार्रवाई के इतिहास की सबसे तेज कार्रवाई है.
अवैध खनन अभियान के 34 दिन के आंकडे
विवरण खान विभाग मय पुलिस पुलिस वन योग
अवैध खनन 250 45 67 362
अवैध निर्गमन 2087 504 35 2626
अवैध भंडारण 86 17 0 103
कुल प्रकरण 2423 566 102 3091
FIR 359 521 78 958
गिरफ्तारी 140 396 37 573
बडी जब्त मशीन 95 0 3 98
कुल वाहन/मशीन जब्त 2356 690 102 3148
खनिज जब्त 71907 9501 12 81420
जुर्माना 1819.55 34.67 19.84 1874.06
प्रदेश में अवैध खनन माफिया को साधुओं के शाप ने उखाड़ कर रख दिया है. ब्रज चौरासी में बरसों से अवैध खनन कर आस्था की जड़ों को खोखला करने वाले माफिया अब सरकार की ताकत के आगे बेबस नज़र आ रहे हैं. 21 जुलाई को शुरू किए गए अभियान में अभी रिकॉर्ड कार्रवाई देखने को मिली है. ब्रज चौरासी में संत विजयदास का बलिदान खाली नहीं गया. अभी तक अपने सियासी रसूक, धन बल और बाहुबल से पूरे प्रदेश के गर्भ को चीरकर अवैध खनन से चांदी काट रहा खनन माफिया 125 से चल रही कार्रवाई से भयभीत हो भाग खड़ा हुआ है. भले ही देर से ही चेती लेकिन सरकार ने माफिया को अपनी ताकत दिखा ही दी. ब्रज चौरासी की घटना के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस और खान विभाग को खनन माफिया को उखाड़ फैंकने के निर्देश दिए थे. इसके बाद पुलिस, खान और वन विभाग ने जबर्दस्त कार्रवाई करते हुए ब्रज चौरासी ही नहीं पूरे प्रदेश में खनन माफिया को चिन्हित कर हमला बोल दिया. नतीजा भी उतना ही शानदार सामने आया. अभियान के पहले 125 दिन में ही प्रदेश में अवैध खनन, निर्गमन और भंडारण के रोजाना औसतन 24 से ज्यादा मामले बनाए जा रहे हैं. रोजाना औसतन 7 से ज्यादा एफआईआर और 4 से ज्यादा लोगों को रोजाना गिरफ्तार किया जा रहा है.
रोजाना औसतन 25 से ज्यादा मशीन और वाहन जब्त किए जा रहे हैं. कार्रवाई का आलम यह है कि रोजाना औसतन 651 टन खनिज जब्त कर करीब 15 लाख रुपए रोजाना जुर्माना वसूला जा रहा है. दैनिक औसत के हिसाब से प्रदेश के इतिहास की ये सबसे तेज, बड़ी और सख्त कार्रवाई है. दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ब्रज चौरासी की घटना के बाद खनन माफिया को उखाड़ फेंकने के आदेश दिए थे. इसके बाद मुख्य सचिव उषा शर्मा और डीजीपी एमएल लाठर और वन विभाग के पीसीसीएफ हॉफ डॉ डीएन पाण्डेय खुद अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. खान विभाग के एसीएस डॉ सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अवैध खनन की निगरानी और रैकी पुलिस के ड्रोन तक से की जा रही है. सरकार ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. मुख्य सचिव ने तो यहां तक कहा था कि अवैध खनन के स्पॉट पर जाकर उसे खत्म किया जाए और कोई कितना ही रसूकदार क्यों न हो उसे बख्शा नहीं जाए. दरअसल अवैध खनन पर सरकार की सख्ती के आदेशों से सरकार की मंशा साफ है कि अब अवैध खनन मंजूर नहीं और न ही माफिया की सियासी सरपरस्ती. अब खनन तो होगा पर वैध होगा और नियमों से ही होगा.