नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने भारत के प्रधान न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज करते हुए शुक्रवार को उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा तथा न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने इस याचिका को ‘‘प्रचार हित याचिका’’ बताया. पीठ ने कहा कि यह याचिका बिना किसी ठोस आधार के केवल प्रचार पाने के लिए दायर की गयी.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने नौ नवंबर को 50वें सीजेआई के तौर पर शपथ ली थी:
‘ग्राम उदय फाउंडेशन’ नामक एक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा करने वाले याचिकाकर्ता संजीव कुमार तिवारी ने यह आरोप लगाते हुए सीजेआई के तौर पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की नियुक्ति को चुनौती दी कि यह संविधान के खिलाफ है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने नौ नवंबर को 50वें सीजेआई के तौर पर शपथ ली थी. सुप्रीम कोर्ट ने गत सप्ताह ऐसी ही एक याचिका खारिज की थी. सोर्स- भाषा