दिल्ली में घने कोहरे से सड़क, रेल यातायात प्रभावित

नई दिल्ली: दिल्ली सहित गंगा के मैदानी इलाकों में बृहस्पतिवार सुबह घना कोहरा छाए रहने से सड़क एवं रेल यातायात प्रभावित हुआ. रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि 20 ट्रेन डेढ़ से साढे़ चार घंटे की देरी से चल रही हैं. हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि हवाई यातायात पर कोहरे का कोई असर नहीं पड़ा.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच रहने पर ‘बेहद घना कोहरा’, 51 मीटर से 200 मीटर के बीच ‘घना कोहरा’, 201 मीटर से 500 मीटर के बीच ‘मध्यम कोहरा’ और 501 से 1,000 मीटर के बीच ‘हल्का कोहरा’ माना जाता है. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पालम और सफदरजंग हवाई अड्डे पर सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई. मंगलवार को इन दोनों स्थानों पर दृश्यता का स्तर 50 मीटर तक चला गया था. कम तापमान, उच्च नमी और स्थिर हवाओं के कारण पंजाब, हरियाणा, उत्तर-पश्चिम राजस्थान, पश्चिम व पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में घने से बहुत घने कोहरे की परत बनी हुई है. आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि उपग्रह से ली गई तस्वीरों में पंजाब और उत्तर-पश्चिम राजस्थान से बिहार तक घने कोहरे की परत नजर आ रही है. सुबह साढ़े पांच बजे बठिंडा में दृश्यता का स्तर शून्य रहा, गंगानगर, चंडीगढ़, गोरखपुर तथा बरेली में 25 मीटर और अमृतसर, चूरू, बहराइच तथा अंबाला में 50 मीटर रहा. दिल्ली में सफदरजंग वेधशाला ने न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम यानी 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया. 

अधिकतम तापमान 21 डिेग्री सेल्सियस के करीब रहने की संभावना है. बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम में अब तक का सबसे कम तापमान है. अगले कुछ दिनों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान गिरकर क्रमश: पांच डिग्री सेल्सियस और 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. हर साल दिसंबर-जनवरी के महीने में गंगा के मैदानी और उत्तर-भारतीय क्षेत्र में कोहरा छाना आम समस्या है और करीब 60 प्रतिशत दिन कोहरा छाया रहता है. भारत में कोहरे पर हाल के अध्ययनों ने देश के उत्तरी भागों में कोहरे की आवृत्ति, निरंतरता और तीव्रता में वृद्धि के कारण महत्वपूर्ण सामाजिक आर्थिक चिंताओं को उजागर किया है. इस वर्ष की शुरुआत में ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन ने भारत के पश्चिमी तट पर अरब सागर से आई तीव्र नमी को गंगा के मैदानी इलाकों में कोहरे की तीव्रता के लिए जिम्मेदार ठहराया. सोर्स- भाषा