Rahul Gandhi की भारत जोड़ो यात्रा पर अमित शाह ने कहा-निरंतर प्रयासों से ही राजनीति में मिलती है सफलता

Rahul Gandhi की भारत जोड़ो यात्रा पर अमित शाह ने कहा-निरंतर प्रयासों से ही राजनीति में मिलती है सफलता

अहमदाबाद: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में हो रही कांग्रेस की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ का क्या परिणाम होगा, यह जानने के लिए तो इंतजार करना होगा लेकिन राजनीति में ‘‘निरंतर प्रयासों’’ से ही सफलता मिलती है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को दिए एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि उनका हमेशा से यह मानना रहा है कि नेताओं को परिश्रमी होना चाहिए और जब कोई कठिन परिश्रम करता है तो उन्हें अच्छा लगता है.

सात सितंबर को इस यात्रा की शुरुआत की थी:
शाह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश के प्रमुख विपक्षी नेताओं में शुमार राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कर रहे हैं और भाजपा नेता इसके लिए लगातार उनपर निशाना साध रहे हैं. ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने भाजपा की कथित विभाजनकारी राजनीति, देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों पर तमिलनाडु के कन्याकुमारी से सात सितंबर को इस यात्रा की शुरुआत की थी.

कपड़ों को लेकर भी उन्हें निशाना बना रहे:
करीब 3,570 किलोमीटर दूरी की यह यात्रा 12 राज्यों से गुजरते हुए जम्मू एवं कश्मीर में समाप्त होगी. कांग्रेस ने इस यात्रा को भारतीय राजनीति में एक ‘टर्निंग प्वाइंट’ (निर्णायक मोड़) करार दिया है वहीं भाजपा ने इसे ‘छलावा’ तथा ‘गांधी परिवार’ को बचाने का कांग्रेस का अभियान बताया है. भाजपा के नेता राहुल गांधी के दाढ़ी वाले लुक और उनके कपड़ों को लेकर भी उन्हें निशाना बना रहे हैं.

कई इलाकों में मुकाबलों को त्रिकोणीय बना दिया:
शाह से जब यह पूछा गया कि वह राहुल गांधी की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ और उसके परिणाम को कैसे देखते हैं तो उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि नेताओं को परिश्रमी होना चाहिए और जब कोई कठिन परिश्रम करता है तो यह अच्छा है. लेकिन राजनीति में सिर्फ निरंतर प्रयासों से ही परिणाम मिलते हैं. इसलिए इंतजार करते हैं और देखते हैं. गुजरात में आम तौर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आम आदमी पार्टी’ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शाह के गृह राज्य में आक्रामक प्रचार अभियान के जरिए कई इलाकों में मुकाबलों को त्रिकोणीय बना दिया है.

भाजपा लगातार चुनाव जीत रही है:
मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से मिल रही चुनौती पर शाह ने कहा कि कांग्रेस अब भी मुख्य विपक्षी पार्टी है, लेकिन वह राष्ट्रीय स्तर पर संकट के दौर से गुजर रही है और इसका असर गुजरात में भी दिख रहा है. यह पूछे जाने पर कि भाजपा लगातार चुनाव जीत रही है लेकिन इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी पर उसकी निर्भरता भी बढ़ती जा रही है, केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब उसके पास मोदी जैसा लोकप्रिय नेता है तो उसे क्यों नहीं उनके नाम पर चुनाव लड़ना चाहिए.

अपने शीर्ष नेता के नाम पर चुनाव ना लड़ें:
उन्होंने कहा कि वह देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं. कोई कारण नहीं है कि हम अपने शीर्ष नेता के नाम पर चुनाव ना लड़ें. और वह सामने से नेतृत्व भी करते हैं. गुजरात में भाजपा के बार-बार सत्ता में वापसी करने से जुड़े एक सवाल पर शाह ने कहा कि यदि पार्टी और सरकार बदलते समय के साथ तथा जनता की उम्मीदों के अनुरूप खुद को विकसित करते रहे और ढालते रहे तो यह होता है.उन्होंने कहा कि हमने यहां यही किया है.

दो महत्वपूर्ण चीजों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है:
शाह ने कहा कि आम तौर पर आप देखेंगे कि एक सरकार में एक या दो महत्वपूर्ण चीजों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, लेकिन यहां नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने समावेशी और व्यापक विकास का एक मॉडल स्थापित किया है. लोगों ने इस विकास को महसूस भी किया है. उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की चुनौती को तवज्जो न देते हुए दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी शायद अपना खाता भी न खोल सके. सोर्स-भाषा