नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि देश की आजादी के ‘अमृत काल’ का समय ना सिर्फ नए विकसित भारत के निर्माण का कालखंड होगा बल्कि इस दौरान यह राष्ट्र विश्व के भविष्य की दिशा तय करने पर भी बहुत अहम भूमिका निभाएगा.
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा के सभापति के रूप में उच्च सदन के संचालन की जिम्मेदारी संभालने पर प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को शुभकामनाएं दी और कहा कि वह ऐसे समय में यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं जब देश दो महत्वपूर्ण अवसरों का साक्षी बना है.
ये समय अमृतकाल के आरंभ का समय है:
उन्होंने कहा कि अभी कुछ ही दिन पहले दुनिया ने भारत को जी-20 समूह की मेजबानी का दायित्व सौंपा है. साथ ही, ये समय अमृतकाल के आरंभ का समय है. ये अमृतकाल एक नए विकसित भारत के निर्माण का कालखंड तो होगा ही, साथ ही भारत इस दौरान विश्व के भविष्य की दिशा तय करने पर भी बहुत अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि इस यात्रा में भारतीय लोकतंत्र, संसद और संसदीय व्यवस्थाओं की भी एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ने भारत की आजादी के 75 वर्ष से 100 वर्ष के सफर को ‘‘अमृत काल’’ का नाम दिया है.
उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं:
धनखड की किसान पृष्ठभूमि और सैनिक स्कूल से आरंभिक शिक्षा का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सदन का सौभाग्य है कि उनके जीवन में जवान और किसान, दोनों समाहित है तथा उनके जैसा ‘‘जमीन से जुड़ा नेतृत्व’’ उच्च सदन को मिला है. देश का उप राष्ट्रपति बनने के बाद धनखड़ ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन बुधवार को पहली बार राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन किया. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं.
देश के संकल्पों को पूरा करने का प्रभावी मंच बनेगा:
इस अवसर पर धनखड़ का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि उनके मार्गदर्शन में राज्यसभा अपनी विरासत को न केवल आगे बढ़ाएगी बल्कि उसे नयी ऊंचाई भी देगी.उन्होंने कहा कि इस कालखंड में देश अपने दायित्व को समझ रहा है. मुझे खुशी है कि इस महत्वपूर्ण कालखंड में उच्च सदन को आपके जैसा सक्षम और प्रभावी नेतृत्व मिला है. आपके मार्गदर्शन में सभी सदस्य अपने कर्तव्यों का प्रभावी पालन करेंगे. यह सदन देश के संकल्पों को पूरा करने का प्रभावी मंच बनेगा.
सफलता साधनों से ही नहीं बल्कि साधना से मिलती:
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के रूप में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की वंचित समाज की पृष्ठभूमि और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जनजातीय पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि धनखड़ किसान के बेटे हैं और आज वह उच्च सदन में देश के गांव, गरीब और किसान की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि धनखड़ का जीवन इस बात का प्रमाण है कि सफलता साधनों से ही नहीं बल्कि साधना से मिलती है.
संख्या में ऐसे सदस्य है जो इस पेशे से जुड़े हुए:
उन्होंने कहा कि गांव, गरीब, किसान के लिए आपने जो किया वह सामाजिक जीवन में रहे हर व्यक्ति के लिए एक उदाहरण है. उन्होंने कहा कि किठाणा के लाल की उपलब्धियां देख आज देश की खुशी का ठिकाना नहीं है. प्रधानमंत्री ने अधिवक्ता के रूप में धनखड़ की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि राज्यसभा में उन्हें अदालत की कमी महसूस नहीं होगी क्योंकि इस सदन में बड़ी संख्या में ऐसे सदस्य है जो इस पेशे से जुड़े हुए हैं.
नेतृत्व सदन को मिला है तो यह सदन के लिए सौभाग्य:
उन्होंने कहा कि इस सदन में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो आप को उच्चतम न्यायालय में मिलते थे. वह मूड और मिजाज भी आपको अदालत की याद दिलाता रहेगा. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक निर्णयों को और भी परिष्कृत तरीके से आगे बढ़ाने की राज्यसभा की जिम्मेदारी है, इसलिए आपके जैसा जमीन से जुड़ा नेतृत्व सदन को मिला है तो यह सदन के लिए सौभाग्य है.
लोकतांत्रिक विमर्श को और अधिक ताकत दी जाएगी:
राज्यसभा को देश की महान लोकतांत्रिक विरासत का महत्वपूर्ण संवाहक करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदन ने कई प्रधानमंत्री और उत्कृष्ट नेता भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए इस गरिमा को बनाए रखने के लिए एक मजबूत जिम्मेदारी हम सभी के ऊपर है. मुझे विश्वास है आपके मार्गदर्शन में यह विरासत और गरिमा आगे बढ़ेगी तथा लोकतांत्रिक विमर्श को और अधिक ताकत दी जाएगी.
झंडा दिवस पर सशस्त्र बलों को बधाई भी दी:
प्रधानमंत्री ने राज्यसभा के पूर्व सभापति व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके शब्दों का चयन व तुकबंदी सदन को हमेशा प्रसन्न रखते थे. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है आपका जो हाजिर जवाबी का स्वभाव है, वह इस कमी को कभी खिलने नहीं देगा. आप वह लाभ भी सदन को देते रहेंगे. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर सशस्त्र बलों को बधाई भी दी.
आंबेडकर की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की:
इससे पहले, संसद भवन परिसर पहुंचने पर राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्रियों अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन ने धनखड़ का स्वागत किया. धनखड़ ने राष्ट्रपति महात्मा गांधी और संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की. सोर्स-भाषा