जयपुर: कचरे की ट्रॉलियों के साथ सांगानेर विधायक डॉ अशोक लाहोटी सोमवार को ग्रेटर नगर निगम का घेराव करने पहुंचे. इस दौरान उनके साथ सांगानेर और मानसरोवर क्षेत्र की तकरीबन 300 कॉलोनियों के लोगों ने चौपट सफाई व्यवस्था, बंद पड़ी रोड लाइट्स और बिगड़े हुए सीवरेज- ड्रेनेज सिस्टम के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया.
इस दौरान विधायक लाहोटी ने आरोप लगाया कि निगम प्रशासन सरकार के इशारे पर चल रहा है. आलम ये है कि यहां अधिकारी-कर्मचारी महापौर, चेयरमैन और पार्षदों की भी नहीं सुनते. उन्होंने इस दीपावली को निगम की बिगड़ी व्यवस्थाओं के कारण काली दीपावली नाम दिया. साथ ही अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार के इशारों पर जो अधिकारी राजनीतिक कार्यकर्ता बनकर काम कर रहे हैं, उनकी लिस्ट तैयार कर रहे हैं. उन अधिकारियों से ब्याज सहित बदला लिया जाएगा.
बीजेपी विधायक अशोक लाहोटी ग्रेटर नगर निगम में अपनी ही पार्टी के बोर्ड के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. निगम में ही महापौर रह चुके सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि दीपावली का त्यौहार आ चुका है. लेकिन आज तक किसी ने ऐसी काली दीपावली नहीं देखी होगी. जिसमें ना झाड़ू लग रही है, और ना ही कचरे की गाड़ी आ रही है. ना ही पानी की निकासी, ना नालियां-सीवरेज साफ हो रही है. चारों तरफ कचरे के ढेर लग रहे है.
सड़कों पर कहीं आवारा कुत्ते तो कहीं सुअर घूम रहे हैं. दीपावली पर नई लाइटें लगना तो दूर बंद लाइटें चालू नहीं हो रही है. नगर निगम नरक निगम बन गया है. यहां सफाई कर्मचारी का ट्रांसफर भी मंत्री महोदय करते हैं. इसलिए सफाई की जिम्मेदारी भी उन्हीं मंत्री की है. ये वही निगम है जिसे देश में नंबर वन बनाया था. पीएम ने अवार्ड दिया था. और आज जयपुर की 40 लाख जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. महीनों से झाड़ू नहीं लगी. 5 से 7 दिन में कचरे की गाड़ी आती है. जगह-जगह कॉलोनियां पानी में डूबी हुई है. चारों तरफ डेंगू फैल रहा है. महिला और बच्चे घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. ये राजधानी में रह रहे हैं या किसी नरक में.
सरकार निगम के बोर्ड को कुछ नहीं करने दे रही:
उन्होंने कहा कि आज साथ आई कचरे की गाड़ियां सिर्फ चेतावनी है. लेकिन यदि यही हाल रहा तो लोगों को ये कहना पड़ेगा कि जाओ कचरे को निगम में कचरा डाल कर आओ. उन्होंने आरोप लगाया कि पूरा निगम प्रशासन भू-माफियाओं और प्रॉपर्टी डीलर का काम कर रहा है. थड़ी-ठेले, मजदूर वर्ग से उगाही का काम कर रहे हैं. सरकार की मनमर्जी चल रही है. कभी मेयर को हटा देते हैं, कभी लगा देते हैं. सरकार निगम के बोर्ड को कुछ नहीं करने दे रही.
ये सरकार या तो 15 दिनों की है या 6 महीने की:
कांग्रेस के गली मोहल्ले के कार्यकर्ता भी कुछ कहते हैं, तो वो काम हो जाते हैं. लेकिन बीजेपी का पार्षद के काम नहीं होते. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या लोकतंत्र में विरोध प्रकट करने की मनाही है, आज वो भी विरोध प्रकट करने आए हैं, उन्हें विधायक पद से हटाए. लाहोटी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि ये सरकार या तो 15 दिनों की है या 6 महीने की है. सरकार के इशारों पर जो अधिकारी राजनीतिक कार्यकर्ता बनकर काम कर रहे हैं उनकी लिस्ट तैयार कर रहे हैं उन अधिकारियों से ब्याज सहित बदला लिया जाएगा.
सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे:
उधर, लाहोटी के प्रदर्शन पर महापौर शील धाभाई ने कहा कि ये तो नेता हैं. लेकिन निगम में सभी अपनी समस्या लेकर आ सकते हैं. निगम में सीमित संसाधन है. इसलिए दौसा से संसाधन लाए जा रहे हैं. सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने तर्क दिया कि निगम से बीवीजी कंपनी हटी है. उसके बाद व्यवस्था सुधारने में टाइम लगता है. यहां राजस्व की भी प्रॉब्लम है. ऐसे में स्टेट के अलावा सेंट्रल गवर्नमेंट से भी पैसा मांगा जाएगा. उन्होंने सरकार के इशारे पर निगम प्रशासन के चलने के लाहोटी के आरोप पर कहा कि नगर निगम में सरकार का कोई रोल नहीं होता. यहां ना कोई बीजेपी ना कांग्रेस, वो खुद भी मेयर है और इस पद पर वो जयपुर की जनता की मेयर है. उन्हें सभी का काम करना है. उन्होंने पहले भी सांगानेर विधायक से बात कर जनता को परेशान ना करने की अपील की थी. अपने लवाजमे के साथ वो मानसरोवर जोन ही आने को तैयार थीं. लेकिन विधायक के यहां आने की इच्छा थी, ऐसे में उनका स्वागत.
निगम प्रशासन ने गड्ढों के रिपेयर के लिए एक बड़े स्तर पर अभियान छेड़ा:
वहीं निगम कमिश्नर महेंद्र सोनी ने कहा कि संसाधन लगातार खरीदे जा रहे हैं. इस क्रम में दो जेसीबी, एक सीवर क्लीनिंग करने वाला रोबोट बैंडीकूट, सुपर सकर मशीन खरीदी गई. 10 नई फायर की गाड़ियां खरीदी जा रही हैं. जयपुर में जितने भी हूपर हैं, उन सभी को हायर किया हुआ है. एक बड़ा टेंडर और किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी 2 जोन के एक्सईएन से बात की. जिसमें सामने आया कि जलभराव और सीवरेज की कोई समस्या फिलहाल नहीं है. साथ ही निगम प्रशासन ने गड्ढों के रिपेयर के लिए एक बड़े स्तर पर अभियान छेड़ा है. जिसमें अगले 1 सप्ताह में ग्रेटर निगम के क्षेत्राधिकार में आने वाली किसी भी रोड पर गड्ढे नहीं रहने दिए जाएंगे. जहां तक रोड लाइट का विषय है, निगम से जुड़ी फर्म करीब 8000 लाइटें लगाने जा रही है. निगम ने भी 3000 लाइट खरीदी है, उसी का ही रिपीट ऑर्डर किया जा रहा है. जयपुर शहर में पहले ही दो लाख लाइट है. आउटर एरिया में हमेशा से रोड लाइट की डिमांड बनी रहती है.