ज़्यादातर मेकअप की ज़रूरत मेरे चेहरे पर नहीं बल्कि मेरी चोटों को ढकने के लिए होती थी- परिणीति चोपड़ा

मुंबई: बॉलीवुड की हुनरमंद अदाकारा, परिणीति चोपड़ा(Parineeti Chopra) ने 'कोड नेम तिरंगा'(Code Name Tiranga) में अपने एक्शन वाली छवि के साथ सभी का दिल जीत लिया है और उन्होंने बताया कि फिल्म में एक शानदार एजेंट के तौर पर अपनी भूमिका को सही तरीके से निभाने के लिए उन्हें तीन महीने के लिए इज़रायली मार्शल आर्ट, क्राव मागा से सीखनी पड़ी.

बता दें कि इज़राइल की फ़ौजों के लिए विकसित की गई, क्राव मागा आइकिडो, जूडो, कराटे, और मुक्केबाज़ी और कुश्ती में उपयोग की जाने वाली तकनीकों को मिलाकर तैयार किया गया है.

परिणीति कहती हैं, "किसी भी एजेंट की प्रमुख एक्शन तकनीकों में से एक होती है हाथ से मुकाबला करना, इसलिए मैंने अपने एक्शन के दृश्यों को सही ढंग से करने के लिए मार्शल आर्ट के एक रूप, क्राव मागा को पूरे 3 महीने तक सीखा. शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत मेहनत करवाने वाला यह मार्शल आर्ट का एक रूप है क्योंकि इसमें न केवल हाथ-पैर चलाने होते हैं बल्कि आसपास के माहौल के बारे में बहुत ज़्यादा मानसिक जानकारी की भी ज़रूरत होती है, जो किसी भी एजेंट को किसी मिशन पर करने की ज़रूरत होती है.

उन्होंने बताया, "मेरे ज़्यादातर मार-धाड़ के दृश्य उन मर्दों और साथी अदाकार, शरद केलकर के खिलाफ थे जो मुझसे काफी लंबे थे जैसे कि स्टंट मैन होते हैं और कभी-कभी फाइट सीक्वेंस के लिए उन्हें अपने पूरे शरीर का ज़ोर लगाकर लड़ना पड़ता था."

परी कहती हैं, "ज़्यादातर दिनों के ख़त्म होने पर मेरे पूरे शरीर पर चोट और छिलने के निशान थे और अगले दिन ज़्यादातर मेकअप की ज़रूरत मेरे चेहरे पर नहीं बल्कि मेरी चोटों को ढँकने के लिए पड़ती थी. जिस तरह से लोग ट्रेलर में मेरे एक्शन शॉट्स को पसंद कर रहे हैं, उससे मैं बेहद खुश हूँ और यह मेरे जैसे किसी इंसान के लिए बहुत बड़ी बात है जिसने पहले कभी एक्शन वाली भूमिका नहीं निभाई है."

फिल्म 'कोड नेम तिरंगा' में परिणीति के साथ हार्डी संधू भी हैं. यह फिल्म 14 अक्टूबर को दुनिया भर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने के लिए तैयार है.