बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय जिले में एक नदी पर नवनिर्मित पुल के उद्घाटन से पहले ही ढहने की जांच के आदेश दिये गये हैं. यह पुल कथित तौर पर घटिया निर्माण कार्य को लेकर सुर्खियों में है.
बेगूसराय के जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि बूढ़ी गंडक नदी पर बने जिस पुल एक हिस्सा रविवार तड़के नदी में गिर गया, उसमें कुछ दिनों पहले ही दरारें आ गई थीं. उन्होंने कहा कि एक स्थानीय निर्माण कंपनी द्वारा लगभग 13.48 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए उक्त पुल का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया जाना बाकी था. उन्होंने कहा कि यह पुल पैदल यात्रियों द्वारा उपयोग में लाया जा रहा था और उसपर छोटे वाहनों को चलाने की भी अनुमति थी. कुशवाहा ने कहा कि शुक्रवार को पुल के दो खंभों को जोड़ने वाले एक हिस्से में दरारें देखी गईं थी, जिसके बाद उसपर वाहनों का आवागमन रोककर संबंधित विभाग को सतर्क कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि रविवार को जब पुल का हिस्सा नदी में गिरा तो किसी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. लेकिन इस घटना से साहेबपुर कमाल प्रखंड के निवासियों को काफी असुविधा हुई है, क्योंकि उन्हें अब 20 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ती है.
जिलाधिकारी ने कहा कि सोमवार की रात ग्रामीण कार्य विभाग की एक टीम ने अपने मुख्य अभियंता के नेतृत्व में दौरा किया और साइट का निरीक्षण किया. उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कट्टर विरोधियों में से एक चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ढहते पुल की तस्वीरें साझा की. पार्टी ने अप्रत्यक्ष रूप से भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री नाबार्ड योजना के तहत इसे 14 करोड़ रुपये में बनाया गया था. अगर सही तरीके से 14 करोड़ रुपये खर्च किए गए होते तो दुर्घटना नहीं होती. सोर्स- भाषा