पटना: पटना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के लिए सीटों के आरक्षण को ‘अवैध’ बताया. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग को ‘‘ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को फिर से अधिसूचित करके, उन्हें सामान्य श्रेणी की सीटों में शामिल करके’’ चुनाव कराने का निर्देश दिया.
छुट्टी के दिन पारित किये गए इस आदेश से चल रही चुनाव प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकता है. पहले चरण का मतदान अब से एक सप्ताह से भी कम समय में 10 अक्टूबर को होना था. 29 सितंबर के अपने पिछले आदेश में, अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि फिलहाल चल रही चुनावी प्रक्रिया अदालत के सामने विचाराधीन याचिका के परिणाम के अधीन होगी और अगर राज्य निर्वाचन आयोग कार्यक्रम में परिवर्तन करने की जरूरत समझे, तो कर सकता है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने तदनुसार 30 सितंबर को सभी संबंधित जिलाधिकारियों को एक परिपत्र जारी कर कहा था कि प्रथम चरण का मतदान जोकि 10 अक्टूबर को निर्धारित है उसकी निवाचन प्रक्रिया एवं परिणाम पटना उच्य न्यायालय द्वारा समादेश उक्त याचिका में पारित निर्णय से आच्छादित होगा और उक्त आशय की सूचना सभी अभ्यर्थियों को भी दे दिए जाने को कहा था. सोर्स- भाषा