PM मोदी 30 दिसंबर को बंगाल में NGC की बैठक की करेंगे अध्यक्षता, वंदे भारत को दिखाएंगे हरी झंडी

PM मोदी 30 दिसंबर को बंगाल में NGC की बैठक की करेंगे अध्यक्षता, वंदे भारत को दिखाएंगे हरी झंडी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे जहां वे राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करने के अलावा हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई. इसके मुताबिक, प्रधानमंत्री कोलकाता मेट्रो की पर्पल लाइन के जोका-तारातला खंड का भी उद्घाटन करेंगे और विभिन्न रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और कुछ का लोकार्पण करेंगे. पीएमओ के मुताबिक, दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नौसेना के बेस ‘‘आईएनएस नेताजी सुभाष’’ पहुंचेंगे और वहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे.

राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे:
वे श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय जल और स्वच्छता संस्थान (डीएसपीएम-निवास) का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा वह राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत पश्चिम बंगाल के लिए कई सीवरेज बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और कुछ का लोकार्पण करेंगे. पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री दोपहर करीब 12 बजकर 25 मिनट पर राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

कायाकल्प के अधीक्षण की समग्र जिम्मेदारी दी गई:
पीएमओ ने कहा कि देश में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के एक और कदम के तहत प्रधानमंत्री 30 दिसंबर को कोलकाता में राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे. बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, राष्ट्रीय गंगा परिषद के सदस्य अन्य केंद्रीय मंत्री और उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. राष्ट्रीय गंगा परिषद को गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण निवारण और कायाकल्प के अधीक्षण की समग्र जिम्मेदारी दी गई है.

एमएलडी से अधिक की सीवेज शोधन क्षमता में वृद्धि:
प्रधानमंत्री 990 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के तहत विकसित 7 सीवरेज बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (20 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और 612 किलोमीटर नेटवर्क) का उद्घाटन करेंगे. इन परियोजनाओं से नबद्वीप, कचरापाड़ा, हलीशर, बज-बज, बैरकपुर, चंदन नगर, बांसबेरिया, उत्तरापाड़ा कोटरुंग, बैद्यबती, भद्रेश्वर, नैहाटी, गरुलिया, टीटागढ़ और पानीहाटी की नगरपालिकाओं को लाभ होगा. पीएमओ ने कहा कि इन परियोजनाओं से पश्चिम बंगाल में 200 एमएलडी से अधिक की सीवेज शोधन क्षमता में वृद्धि होगी.

महेस्तला शहर के क्षेत्रों को लाभ होगा:
प्रधानमंत्री 1585 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के तहत विकसित की जाने वाली 5 सीवरेज बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (8 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और 80 किलोमीटर नेटवर्क) की आधारशिला भी रखेंगे. इन परियोजनाओं से पश्चिम बंगाल में 190 एमएलडी नई एसटीपी क्षमता बढ़ेगी. इन परियोजनाओं से उत्तरी बैरकपुर, हुगली-चिनसुरा, कोलकाता केएमसी क्षेत्र- गार्डन रीच और आदि गंगा (टॉली नाला) और महेस्तला शहर के क्षेत्रों को लाभ होगा.

किशनगंज स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में रुकेगी:
डीएसपीएम-निवास को लगभग 100 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कोलकाता के डायमंड हार्बर रोड स्थित जोका में विकसित किया गया है. प्रधानमंत्री हावड़ा रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे. पीएमओ ने कहा कि अत्याधुनिक सेमी हाई स्पीड ट्रेन अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस है. यह ट्रेन रास्ते में मालदा टाउन, बारसोई और किशनगंज स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में रुकेगी.

परियोजना के उद्घाटन से बेहद फायदा होगा:
प्रधानमंत्री जोका-एस्प्लेनेड मेट्रो परियोजना (पर्पल लाइन) के जोका-तारातला खंड का उद्घाटन करेंगे. जोका, ठाकुरपुकुर, सखेर बाजार, बेहाला चौरास्ता, बेहाला बाजार और तारातला जैसे 6 स्टेशनों वाले 6.5 किलोमीटर के खंड का निर्माण 2475 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है. कोलकाता शहर के दक्षिणी हिस्सों जैसे सरसुना, डाकघर, मुचिपारा और दक्षिण 24 परगना के यात्रियों को इस परियोजना के उद्घाटन से बेहद फायदा होगा.

स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखेंगे:
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री चार रेल परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इनमें बोइंची-शक्तिगढ़ तीसरी लाइन, दानकुनी-चंदनपुर चौथी लाइन, निमतिता- न्यू फरक्का डबल लाइन और अम्बारी फालाकाटा-न्यू मयनागुड़ी-गुमानीहाट दोहरीकरण परियोजना शामिल है. पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री 335 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किए जाने वाले न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखेंगे. सोर्स-भाषा