जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने रविवार को कहा कि दीपावली एवं अन्य त्यौहारों मद्देनजर खाद्य पदार्थों में मिलावट कर प्रदेशवासियों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार शीघ्र विशेष अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान में पूर्ण पारदर्शिता रखी जाए.
गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, चिकित्सा विभाग तथा खाद्य सुरक्षा विभाग बेहतर समन्वय के साथ कार्य करते हुए नागरिकों को शुद्ध उत्पाद की प्राप्ति सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज दिया गया है. उन्होंने मौके पर ही मिलावट की जांच के लिए शुरू की गई ‘सचल प्रयोगशाला’(मोबाइल लैब) का उपयोग भी प्रभावी रूप से करने के निर्देश दिए.
मौके पर ही सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए:
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष अभियान के दौरान दूध, मावा, पनीर, मिठाइयों, दूध से बने अन्य उत्पादों, आटा, बेसन, खाद्य तेल एवं घी, सूखे मेवे, मसालों, अन्य खाद्य पदार्थों तथा बाट एवं माप की जांच को प्राथमिकता दी जाए. उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट कर प्रदेशवासियों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले उत्पादकों, थोक विक्रेताओं और बड़े खुदरा विक्रेताओं के विरूद्ध मौके पर ही सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
राज्य में नमूनों की जांच के लिए सात नई प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही:
उन्होंने अधिकारियों को जांच के लिए संग्रहित किए गए नमूनों, उनकी जांच रिपोर्ट, मौके पर नष्ट की गई सामग्री, दर्ज की गई प्राथमिकी पर कार्रवाई की समीक्षा करने के लिए भी निर्देश दिए. गहलोत ने कहा कि राज्य में नमूनों की जांच के लिए सात नई प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के काडर का भी सुदृढीकरण किया गया है. बैठक में बताया गया कि जनवरी 2022 से अब तक लगभग दो लाख किलोग्राम मिलावटी तेल, घी, मसाले, दालें, दूध आदि नष्ट अथवा जब्त किए गए हैं. साथ ही इन प्रकरणों में खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा पांच करोड़ रुपये की राशि अर्थदंड के रूप में वसूली गई है.