नोम पेन्ह: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की और यूक्रेन में युद्ध, रणनीतिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. दोनों नेताओं के बीच यह बैठक कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के इतर हुई. जयशंकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ यात्रा पर हैं, जो यहां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं.
जयशंकर ने ट्वीट किया कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक अच्छी बैठक हुई. यूक्रेन, हिंद-प्रशांत, ऊर्जा, जी20 और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की.’ उन्होंने शनिवार को आसियान रात्रिभोज के अंत में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस से भी मुलाकात की थी. जयशंकर ने थाईलैंड के अपने समकक्ष डोन प्रमुदविनई के साथ भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि थाईलैंड के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री डोन प्रमुदविनई के साथ मुलाकात हमेशा अच्छी होती है. हमारी साझा क्षेत्रीय चिंताओं और आसियान के साथ साझेदारी मजबूत करने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि आसियान रात्रिभोज में कनाडा की सहयोगियों- व्यापार मंत्री मैरी एनजी और विदेश मंत्री मिलेन जॉली से मुलाकात की. आतंकवाद और कट्टरपंथ का विरोध करते हुए अधिक से अधिक व्यापार और रणनीतिक सहयोग पर सहमति जतायी गई. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल हुए. उन्होंने शिखर सम्मेलन के दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ से हाथ मिलाया. जयशंकर ने शनिवार को कनाडा, इंडोनेशिया और सिंगापुर के अपने समकक्षों के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की.
A good meeting with US Secretary of State @SecBlinken .
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 13, 2022
Discussed Ukraine, Indo-Pacific, energy, G20 and bilateral relations. pic.twitter.com/Cmw3xwgBbw
भारत ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है और उसका कहना है कि संकट का समाधान कूटनीति और बातचीत के माध्यम से किया जाना चाहिए. फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की दोनों से कई बार बात की है. चार अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में, मोदी ने कहा कि ‘‘कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता’’ और भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है. इस साल सितंबर में समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के मौके पर पुतिन के साथ हुई अपनी बैठक में, मोदी ने रूसी राष्ट्रपति को यह कहते हुए यूक्रेन में संघर्ष समाप्त करने के लिए प्रेरित किया था कि ‘‘आज का युग युद्ध का नहीं है. मोदी ने साथ ही वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा संकट को दूर करने के तरीके खोजने का आह्वान किया था. सोर्स- भाषा