सिरोही: शारदीय नवरात्री (Navratri) के अवसर पर पिछले पांच दशक से जनमानस की आस्था, विश्वास का केंद्र बना नगर का रामझरोखा मैदान इस बार आयोजक जगदम्बे नवयुवक मण्ड़ल स्थापना के 50 साल पूरे होने पर अपने पूर्ण वैभव के साथ मनमोहक चकाचोंध रंगीन रोशनी, विशाल प्रतिमाओं को विराजमान करना, विराट शतचंडी महायज्ञ का अनुष्ठान समेत विविध कार्यक्रमों और गुजराती गरबा गीतों की स्वर लहरियों के साथ अपने पूरे आध्यात्मिक परिवेश में नजर आएगा.
गरबा मंडल के लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि मण्डल की ओर से इस बार विशेष प्रयास से गुजरात बड़ौदा की कोरियोग्राफर प्रशिक्षिका संगीता बारोट द्वारा स्थानीय महिलाओं और युवतियों को मंडल के निशुल्क गरबा नृत्य प्रशिक्षण कक्षा में गरबा नृत्य की तकनीकी बारीकियों को सिखाया जा रहा है. इस प्रशिक्षण कक्षा में स्थानीय युवतियों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि हॉल छोटा पड़ गया और इसे चार पारी में शुरू किया जा रहा है.
गरबा प्रशिक्षण में पैरों की थिरकन के साथ सुमधुर माता के गरबा गीतों पर ताली की ताल और बढ़ते कदम से कदम का हाथों और चेहरे की भाव भंगिमा के तालमेल पर जोर दिया. इसमें शक्ति की भक्ति में मग्न होकर अप डाउन स्टेप सहित विविध नृत्य कलाओं का अनूठा संगम प्रस्तुत कर रही प्रशिक्षणार्थी के चेहरे की खुशियां उत्कर्ष पर पहुंचती दिखाई देने लगी है.
गरबा को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह:
वहीं नवरात्र में गरबा को लेकर महिलाओं और युवतियों ने विशेष तैयारियां शुरू कर दी है. गरबा में हाव-भाव के साथ ड्रेस कोड और इसके विशेष प्रकार के ट्रेडिशनल गुजराती चटकदार लहंगा, ओढ़नी के परिधान के प्रति लगाव भी नगर की युवतियों में साल दर साल बढ़ता जा रहा है.