शीर्ष अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में 'शिवलिंग' क्षेत्र की सुरक्षा अगले आदेश तक बढ़ाई

नई दिल्ली: वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में जिस स्थान पर 'शिवलिंग' मिलने की बात की गई थी, उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अगले आदेश तक उस क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी.प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने ज्ञानवापी विवाद से संबंधित सभी वाद को एक साथ करने के लिए वाराणसी जिला न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करने की हिंदू पक्षों को अनुमति दे दी.

पीठ ने सर्वेक्षण आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की प्रबंधन समिति द्वारा दायर अपील पर हिंदू पक्षों को तीन सप्ताह के भीतर उनका जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया.सुनवाई की शुरुआत में, हिंदू पक्षों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने कहा कि मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा दायर अपील निरर्थक हो गई है, क्योंकि उन्होंने अधिवक्ता आयुक्त की निचली अदालत द्वारा की गई नियुक्ति को चुनौती दी है.

उन्होंने कहा कि वे (मस्जिद समिति) नियुक्ति आयुक्त के समक्ष कार्यवाही में भाग लेते रहे हैं, जिनकी नियुक्ति को उन्होंने चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि इस अदालत ने 17 मई को एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था, जहां सर्वेक्षण में 'शिवलिंग' मिलने की बात कही गई थी.

कुमार ने कहा कि 20 मई को, अदालत ने कहा था कि 17 मई का अंतरिम आदेश तब तक लागू रहेगा, जब तक कि जिला न्यायाधीश द्वारा मुकदमे के सुनवाई योग्य होने के संबंध में फैसला नहीं कर लिया जाता और उसके बाद, आठ सप्ताह के लिये लागू रहेगा, ताकि असंतुष्ट पक्ष उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकें.उन्होंने कहा कि आठ सप्ताह की अवधि पूरी हो रही है और सुरक्षा को बढ़ाने की आवश्यकता है.मस्जिद समिति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफा अहमदी ने कहा कि उन्हें अर्जी देर से दी गई थी और उन्हें उसके संबंध में खंडन दाखिल करने की आवश्यकता है, क्योंकि उसमें सभी तथ्य सही नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष द्वारा दायर आवेदन में दिए गए बयानों का मुझे खंडन करना है और मैं तत्काल टिप्पणी नहीं कर सकता. मैंने अधिवक्ता आयुक्त की नियुक्ति को चुनौती दी है और अपील इस अदालत के समक्ष है. यदि मैं अपील में सफल हो जाता हूं, तो सभी चीजें बेकार हो जाएंगी. मैंने ये दलीलें पहले भी दी है. ज्ञानवापी परिसर में पूजा के अधिकार का अनुरोध करते हुए जिला न्यायाधीश के समक्ष मुकदमा दायर करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन हिंदू पक्षकारों की ओर से पेश हुए. उन्होंने कहा कि सभी वाद को एक साथ करने के लिए एक आवेदन दायर किया गया है.

इसके बाद पीठ ने जैन से आवेदन वापस लेने को कहा और उन्हें ज्ञानवापी विवाद में दायर सभी वाद को एक साथ करने के लिए वाराणसी के जिला न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करने की छूट दी.अहमदी ने कहा कि हिंदू वादियों ने, जिन्होंने जिला न्यायाधीश के समक्ष मुकदमा दायर किया है, उनकी अपील पर अपना जवाब दाखिल नहीं किया है और यह माना जाना चाहिए कि वे अपना जवाब दाखिल नहीं करना चाहते हैं.कुमार ने पीठ से कहा कि वे दो से तीन सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करेंगे. इसके बाद पीठ ने आदेश पारित किया.(भाषा)