स्मार्त ब्राह्मणों को अल्पसंख्यक दर्जा देने के अनुरोध वाली अर्जी शीर्ष सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

स्मार्त ब्राह्मणों को अल्पसंख्यक दर्जा देने के अनुरोध वाली अर्जी शीर्ष सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु में रहने वाले एवं अद्वैत के धार्मिक दर्शन का अनुपालन करने वाले स्मार्त ब्राह्मणों को अल्पसंख्यक दर्जा देने के अनुरोध वाली एक अर्जी सोमवार को खारिज कर दी.

न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट की पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें कहा गया था कि स्मार्त ब्राह्मण धार्मिक संप्रदाय नहीं हैं और इसलिए, उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं दिया जा सकता. पीठ ने कहा कि बहुत से लोग अद्वैत दर्शन का पालन करते हैं... उस स्थिति में हमारे पास अल्पसंख्यकों का देश होगा.’’

उच्च न्यायालय ने 7 जून, 2022 को कहा था कि स्मार्त ब्राह्मण भारत के संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत लाभ के हकदार नहीं हैं. अनुच्छेद 26 धार्मिक मामलों के प्रबंधन की छूट देता है. सोर्स- भाषा