Ashwini Vaishnav का बड़ा बयान, भारतनेट योजना में सरकार करेगी 13 अरब डॉलर निवेश

Ashwini Vaishnav का बड़ा बयान, भारतनेट योजना में सरकार करेगी 13 अरब डॉलर निवेश

नई दिल्ली : ग्रामीण इंटरनेट कनेक्टिविटी परियोजना भारतनेट के लिए सरकार की बड़ी निवेश योजना है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, अश्विनी वैष्णव के अनुसार, सरकार ग्रामीण इंटरनेट कनेक्टिविटी योजना को हर गांव तक विस्तारित करने के लिए अगले कुछ वर्षों में भारतनेट में कुल 13 बिलियन डॉलर (लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करेगी.

वैष्णव ने कहा कि आज करीब 850 मिलियन लोगों की इंटरनेट तक पहुंच है. लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. हम इसे 13 अरब डॉलर के निवेश के साथ बढ़ाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उच्च गुणवत्ता वाला ब्रॉडबैंड इंटरनेट इस देश के हर कोने तक पहुंचे. वैष्णव ने जी20 सम्मेलन के समापन सत्र में कहा ​​कि, एनएफटी, एआई और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा पर ध्यान देना है.

भारतनेट योजना का लक्ष्य:

भारतनेट योजना का लक्ष्य देश भर के सभी छह लाख गांवों में तेज ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना है. इसे सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सस्ती कीमत पर इंटरनेट की हाई-स्पीड डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया है. यह हाई-स्पीड डिजिटल कनेक्टिविटी ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से प्रदान की जाएगी. यह दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी परियोजना है. इस योजना के माध्यम से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में नागरिकों को सस्ती कीमतों पर ब्रॉडबैंड सेवाएं मिलेंगी.

सरकार ने अब तक किया 8.5 बिलियन डॉलर का निवेश: 

बताया जाता है कि सरकार ने अब तक इस योजना में लगभग 8.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. उन्होंने कहा कि भारतनेट में निवेश के अलावा, सरकार उन क्षेत्रों में 4जी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए और अधिक निवेश करेगी, जहां निजी कंपनियों के लिए निवेश करना ज्यादा आर्थिक रूप से फायदेमंद नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के निवेश से होने वाली वृद्धि भारत जैसे समाज के लिए महत्वपूर्ण है.

वैष्णव का बयान: 

वैष्णव ने कहा, भारत जैसे तेजी से विकसित हो रहे समाज में प्रौद्योगिकी पर कुछ कंपनियों का कब्जा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में, प्रौद्योगिकी को एक या मुट्ठी भर प्रौद्योगिकियों द्वारा सीमित नहीं किया जाना चाहिए. दूसरा, सबसे गरीब व्यक्ति की भी प्रौद्योगिकी तक उतनी ही पहुंच होनी चाहिए जितनी उस व्यक्ति को, जिसके पास अधिक संसाधन हैं. वैष्णव ने कहा कि प्रौद्योगिकी को रोजमर्रा की जिंदगी के रोजमर्रा के क्षेत्रों को शामिल करना चाहिए और इसीलिए केंद्र सरकार ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने की मानसिकता के साथ इसे अपनाने का फैसला किया है.