VIDEO: असम के राज्यपाल गुलाब चन्द कटारिया बोले-सदन में तर्क होने चाहिए, मनभेद नहीं

जयपुर: असम के राज्यपाल गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि देश में ऐसे लोकतंत्र का निर्माण होना चाहिए जिसमें सभी लोगों की सहभागिता हो. उन्होंने कहा कि प्रभावी एवं सार्थक लोकतंत्र बनाना जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है. सदन जितना अधिक चलेगा, हम जनता की बात उतने ही अच्छे तरीके से रख पाएंगे.कटारिया सोमवार को राज्य विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के तत्वावधान में आयोजित प्रभावी एवं सार्थक लोकतंत्र को बढ़ावा देने में विधानमंडल की भूमिका विषयक सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र के प्रति लोगों की अपार निष्ठा रही है. 

लोकतंत्र को सार्थक बनाने का काम सदन कर सकता है. कटारिया ने कहा कि सदन में तर्क होने चाहिए लेकिन मनभेद नहीं होने चाहिए, अन्यथा लोकतंत्र कमजोर होगा. उन्होंने विश्वास दिलाया कि पद के दायरे में रहकर असम और राजस्थान की जनता की सेवा करेंगे तथा राजस्थान के मान-सम्मान को बरकरार रखेंगे. कटारिया द्वारा असम के राज्यपाल पद का दायित्व ग्रहण करने पर सोमवार को विधानसभा में उनका अभिनन्दन किया गया. वहीं, कार्यक्रम में वर्ष 2022 के लिए शिव विधानसभा क्षेत्र के विधायक अमीन खां एवं वर्ष 2023 के लिए अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से विधायक अनिता भदेल को सर्वश्रेष्ठ विधायक के तौर पर पुरस्कृत किया गया.

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है. दोनों पक्षों को अपनी भूमिका का निर्वहन प्रभावशाली ढंग से करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि सदन में वाद-विवाद की गुणवत्ता महत्वपूर्ण है. सरकार को इस प्रकार नीति निर्धारण करना चाहिए कि जन आकांक्षाएं पूरी हो सकें. डॉ. जोशी ने कहा कि संविधान में राज्यपाल की भूमिका भली-भांति परिभाषित है. उन्होंने उम्मीद जताई कि कटारिया इस भूमिका का निर्वहन प्रभावशाली तरीके से करेंगे और लोकतंत्र को मजबूत करेंगे.

संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने जो सपना देखा था अगर हम उसे साकार नहीं कर पाए तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा. उन्होंने कहा कि जनता हमसे अपेक्षा रखती है कि हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग रहें. उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि पक्ष-विपक्ष संसदीय लोकतंत्र के दो पहिए हैं जिसमें विपक्ष की भूमिका निगरानी रखने की है. उन्होंने कहा कि हमें सदन में सार्थक बहस के रूप में अपनी बात कहनी चाहिए. 

कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा हमारे विधायक सॉफ्टवेयर का विमोचन किया गया. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के सहयोग से तैयार इस सॉफ्टवेयर में पहली विधानसभा से वर्तमान विधानसभा तक के सभी निर्वाचित सदस्यों, विधानसभा की समितियों, मंत्रिमंडल में सहभागिता एवं सामाजिक क्रियाकलापों सहित विभिन्न प्रकार की जानकारियां विधानसभा की वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध होंगी. वहीं, कार्यक्रम में मुम्बई में जून माह में प्रस्तावित प्रथम राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन पर वीडियो फिल्म भी दिखाई गई.