VIDEO: ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक परिवहन विभाग के लिए बना मुसीबत, सही तरह से नहीं हो पा रहा संचालित, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: जयपुर के जगतपुरा में ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक परिवहन विभाग के लिए मुसीबत बन गया है. कंपनी से अनुबंध ख़त्म होने के बाद विभाग इसे सही तरह से संचालित नहीं कर पा रहा है जिससे लोग परेशान हो रहे हैं.

राजधानी के जगतपुरा में परिवहन विभाग का ऑटोमैटिक ड्राईविंग ट्रैक विभाग के लिए ही गले की फाँस बन गया है. अभी तक स्मार्ट चिप कंपनी इस ट्रैक का संचालन कर रही थी लेकिन कंपनी का अनुबंध ख़त्म होने के बाद विभाग ने बिना तैयारी के इस ट्रैक को अपने स्तर पर संचालित करने का फ़ैसला लिया. बिना तैयारी के लिए गया यह फ़ैसला जयपुर के लोगों के लिए आफ़त बन गया है. लोगों को ट्रायल देने के लिए घंटों का इंतज़ार करना पड़ रहा है. काफ़ी लोग लंबा इंतज़ार करने के बाद भी ट्रैक में तकनीकी ख़राबी के कारण बिना ट्रायल दिये भी लौट रहे हैं जगतपुरा परिवहन कार्यालय में हालत कितने ख़राब है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है अभी यहाँ 2 ट्रायल ट्रैक तो ख़राब ही पड़े हुए हैं चौपहिया वाहनों की ट्रायल का ट्रैक एक महीने से ख़राब है तो वहीं दोपहिया वाहनों का ट्रैक भी काफ़ी समय से ख़राब पड़ा हुआ है. 

इस कारण सुबह से ही ट्रैक पर वाहनों की लंबी क़तारें लग जाती हैं. ट्रैक कब काम करेगा कब नहीं इसका भी कोई भरोसा नहीं है क्योंकि हल्की सी बारिश होते ही ट्रैक के सेंसर काम करना बंद कर देते हैं और ट्रायल का काम बंद हो जाता है. जगतपुरा परिवहन कार्यालय में विभाग की अव्यवस्थाओं से परेशान लोग विभाग को रोज़ कोस रहे हैं लेकिन इसके बाद भी एक महीने से अधिक समय के बाद भी इसका समाधान नहीं निकल पा रहा है,परिवहन विभाग ने इस समस्या के समाधान के लिए DOIT को चिट्ठी लिखी है. विभाग ने DOIT को अलग से सॉफ़्टवेयर बनाने के लिए लिखा है लेकिन यह काम इतनी जल्दी पूरा नहीं हो सकता.

जगतपुरा परिवहन कार्यालय में ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक का बुरा हाल

कंपनी का अनुबंध ख़त्म होते ही ट्रैक का काम रामभरोसे

परिवहन विभाग के अधिकारी नहीं कर पा रहे सफल संचालन

काफ़ी समय से 2 ट्रैक पड़े हुए हैं ख़राब

रोज़ होने वाली ट्रायलों की संख्या में आई बड़ी कमी

परिवहन विभाग के अधिकारियों को कोस रहे हैं परेशान होने वाले लोग

ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक को लेकर चिंता इस बात की है आने वाले दिनों में जयपुर के अलावा बाक़ी आरटीओं कार्यालयों में भी स्मार्ट चिप कंपनी का अनुबंध ख़त्म होने वाला है ऐसे में उन ट्रैक का संचालन भी अगर विभाग ने किया तो वहाँ भी हालात ऐसे ही होंगे जैसे अभी जगतपुरा कार्यालय में है. इस परेशानी का एक समाधान यह भी है कि अभी जिस कंपनी का अनुबंध ख़त्म हुआ है उसका काम अस्थाई तौर पर कुछ समय के लिए बढ़ा दिया जाये लेकिन यह फैसला परिवहन मंत्री की स्तर का है. एक तरह जहां लोग आसानी से जयपुर RTO द्वितीय कार्यालय में लाइसेंस की ट्रायल दे रहे हैं तो वहीं जयपुर RTO प्रथम में ट्रायल देने के लिए लोगों को पापड़ बेलने पड़ रहे हैं. जगतपुरा कार्यालय में ट्रैक में हो रही ख़राबी के कारण यहाँ रोज़ होने वाली ट्रायलों में भी कमी आई है ट्रैक के सुचारू संचालन के समय यहाँ चौपहिया और दो पहिया वाहनों की 215-215 ट्रायल होती थी लेकिन अब यह संख्या 115 तक आ गई है.