जयपुर: 85 के अंक ने राजस्थान कांग्रेस की में सियासत में उबाल ला दिया है. 85 प्रदेश कांग्रेस के नए सचिवों की नियुक्ति पर रोक लगने से प्रदेश कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है. आलाकमान ने नियुक्ति के तरीके पर सवाल उठाते हुए नए सचिवों की सूची पर रोक लगा दी थी.
ऐसा राजस्थान कांग्रेस संगठन के इतिहास में पहली बार है जब बड़ी संख्या में जारी की गई सचिवों की सूची पर रोक लगा दी जाए. लेकिन प्रदेश कांग्रेस ने जिस तरह से 85 नए प्रदेश सचिवों की सूची जारी की उसे कांग्रेस आलाकमान ने उचित नहीं माना. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के अनुमोदन के बाद 85 नए प्रदेश कांग्रेस सचिवों की सूची जारी की थी. बताया जा रहा है शिकायत ऊपर तक पहुंची थी.
सूची विवाद के मुख्य कारण---
--तीन गलतियां मौटे तौर पर विवाद का कारण बनी--
- पहली गलती हुई सूची जारी करने के तरीके के कारण
- आमतौर पर संगठन महासचिव सूची जारी करता है
- लेकिन ऐसा नहीं हो पाया
दूसरी गलती...
- कार्यकारिणी का विस्तार एक साथ किया जाता
- विलोपित और विस्तार की व्याख्या का ध्यान नहीं रखा गया
- जल्दबाजी में सूची को संभव है कि जारी कर दिया
- उस समय दिल्ली में एक अहम बैठक होने वाली थी
तीसरी गलती...
- सूची में नामों को लेकर विवाद पैदा हुआ
- गणेश परिक्रमा करने वालों को सचिव पद से दिए गए
- योग्यता नजरंदाज कर पीसीसी सचिव बनाए
पीसीसी के नए सचिवों की सूची पर रोक के पीछे की कहानी ये है कि पूरे घटनाक्रम पर रंधावा के निर्णय कटघरे में आ गए है. एक कैंप ने तथ्यों के साथ ऊपर तक शिकायत की थी. सूची जारी करने की टाइमिंग पर भी सवाल खड़े किए गए हैं. माना जा रहा सचिन पायलट कैंप ने सूची के कई नामों पर घोर आपत्ति की थी. कुछ विधायकों ने भी ऊपर तक शिकायत की. संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से मिलकर तथ्य बताए गए, आलाकमान ने जांच में आरोपों को सही माना. कांग्रेस आलाकमान को बायपास कर सूची जारी करने के मसले पर अंतिम निर्णय राहुल गांधी के स्वदेश लौटने के बाद होगा. माना जा रहा 19 जून को राहुल गांधी भारत वापसी कर रहे हैं. विवादित मसलों पर उनकी राय के बाद निर्णय होंगे. संभव है राजस्थान कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव कर दिए जाए.