VIDEO: चुनाव परिणाम से परखा जाएगा भाजपा का चुनावी माइक्रो मैनेजमेंट, हरियाणा मॉडल के तहत कमरा बैठकों का किया इस्तेमाल, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: सात विधानसभा उप चुनावों के परिणाम साबित करेंगे कि बीजेपी का चुनावी माइक्रो मैनेजमेंट कितना सफल रहा. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चार चरणों में बूथ मैनेजमेंट किया गया था. हरियाणा चुनाव में मिली जीत को आधार मानते हुए इन उपचुनावों में भी फॉर्मूला अपनाया गया "कमरा बैठकें " प्रमुख मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों को पूरे चुनाव में सम्बन्धित विधानसभा क्षेत्रों में तैनात किया गया,साथ ही तैनात किए गए थे 25 पूर्णकालिक कार्यकर्ता. पूरे चुनाव में सीएम भजन लाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के बीच जोरदार समन्वय दिखा. परिणाम तय करेंगे बीजेपी के माइक्रो मैनेजमेंट की अग्नि परीक्षा.

बीजेपी को क्यों कैडर बेस पार्टी कहा जाता है ये साबित करता है बीजेपी का चुनाव प्रबंधन राजस्थान के सात विधानसभा उप चुनावों को बीजेपी ने चुनावी माइक्रो मैनेजमेंट के आधार पर लड़ा विधानसभा क्षेत्र के मंडल, बूथ, शक्ति केंद्र और पन्ना को माइक्रो मैनेजमेंट से जोड़ा गया.

- प्रत्येक मंडल पर एक विधायक को लगाया गया
- मंडल स्तर पर चार लेयर में कार्य किया गया
- मंडल प्रभारी,मंडल संयोजक,मंडल विस्तारक और मंडल प्रवासी
- संयोजक सम्बन्धित विधानसभा क्षेत्र का निवासी 
- प्रभारी उसे बनाया गया जो क्षेत्र से बाहर का है
- प्रवासी उसे तैनात किया गया जो उस जिले से बाहर का
- 7 से 10बूथों को मिलाकर शक्ति केंद्र बनाया गया
- 2 प्रकार का चुनाव प्रबंधन दिखा
- मंडल स्तर पर चार लेयर
- शक्ति केंद्र स्तर पर 3लेयर तैयार की गई
- सबसे खास मॉडल था जो हरियाणा बीजेपी से लिया गया
- ये था "कमरा बैठकें "
- प्रमुख लोगों से कमरा बैठको की रचना की गई
- डैमेज कंट्रोल में यही कमरा बैठकें काम आई

बीजेपी ने सात विधानसभा उपचुनाव में मंत्रियों , पार्टी पदाधिकारियों और प्रमुख नेताओं को चुनावी मैनेजमेंट का काम सौंपा गया था

--झुंझुनू विधानसभा सीट 
खाद्य मंत्री सुमित गोदारा 
 सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत
बीजेपी प्रदेश मंत्री विजेंद्र पूनिया

--खींवसर विधानसभा सीट
UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा
 जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर
बीजेपी नेता नारायण पंचारिया, ज्योति मिर्धाऔर प्रदेश मंत्री अशोक सैनी

--चौरासी विधानसभा सीट 
 जनजाति विकास मंत्री बाबू लाल खराड़ी 
बीजेपी नेता चुन्नी लाल गरासिया और मिथलेश गौतम 
पूर्व मंत्री महेन्द्र जीत मालवीय, सुशील कटारा

---सलूंबर विधानसभा सीट
राजस्व मंत्री हेमंत मीना,मंत्री बाबू लाल खराड़ी 
पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी 
बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष नाहर सिंह जोधा

---दौसा विधानसभा सीट
 कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा 
 गृह राज्य मंत्री जवाहर बैडम
पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी
बीजेपी प्रदेश मंत्री अजीत मांडन 

---रामगढ़ विधानसभा सीट
 वन मंत्री संजय शर्मा 
 सहकारिया मंत्री गौतम कुमार दक
पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी

---देवली उनियारा विधानसभा सीट 
 ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर
 पीएचडी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी 
बीजेपी सांसद दामोदर अग्रवाल,पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी 

चुनावी माइक्रो मैनेजमेंट के बीच बड़े नेताओं की साख भी चुनाव में दांव पर है. रामगढ़ पर फोकस किया केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव छोटे भाई जगमोहन मीना के उम्मीदवार होने के कारण डॉ किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा दौसा से जुड़ी है. पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा की साख खींवसर से जुड़ी है.