VIDEO: आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में कारगर साबित रहा सी-विजिल एप, पिछले चुनाव के तोड़े रिकॉर्ड, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस विधानसभा चुनाव में सिटिजन विजिलेंस यानि सी विजिल एप आचार संहिता उल्लंघन पर प्रभावी अंकुश रखने में कहीं अधिक सफल हुआ है. 2018 में आचार संहिता के पूरे 65 दिनों की शिकायतों के 4440 के आंकड़े के मुकाबले इस बार की आचार संहिता के अभी के बीस दिनों  में ही शिकायतों का आंकड़ा 9300 के पर पहुंच गई है. यही नहीं, सौ मिनट में शिकायत निपटारे की औसत में भी इस बार बाजी मार ली गई है. 

प्रदेश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित कराने में आमजन खुद सजगता और सतर्कता के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. सी विजिल एप पर आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं.

जयपुर और अलवर जिलों में सबसे ज्यादा शिकायतें मिली हैं. 

जयपुर से 1426 और अलवर से 1073 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. 

सी-विजिल एप पर प्राप्त हो रही इन शिकायतों पर औसतन 29 मिनट में कार्रवाई हो रही है. 

शिकायतों के सही होने की पुष्टि के बाद कार्रवाई योग्य पाई गई 2661 शिकायतों में से 88 प्रतिशत का निपटारा तय समय सीमा यानी 100 मिनट के भीतर कर दिया गया है.

कार्रवाई में लगने वाले समय की बात करें तो अलवर, चित्तौड़गढ़ में सबसे तेज औसतन 10 मिनट और करौली, दौसा और सवाई माधोपुर में औसतन 14 मिनट में इन शिकायतों का निपटारा हो रहा है. 

अब तक 20 दिन में  9202 से ज्यादा शिकायतें मिलीं ऑनलाइन.

पुष्टि के बाद कार्रवाई योग्य पाई गई 2661

88 प्रतिशत का निस्तारण तय समय सीमा यानी 100 मिनट में किया गया.

रिटर्निंग ऑफिसर्स ने 2661शिकायतों को सही भी पाया.

सबसे ज्यादा 1426 शिकायतें जयपुर जिले से मिलीं.

1053 शिकायतों के साथ अलवर दूसरे स्थान पर

701 शिकायतों के साथ टोंक तीसरे स्थान पर

433 शिकायतों के साथ दौसा चौथे स्थान पर

419 शिकायतों के साथ नागौर शिकायतों में पांचवें स्थान पर

जैसलमेर से सबसे कम मात्र 52 शिकायतें

पोस्टर लगाने, शराब बांटने, प्रलोभन देने की शिकायतें सबसे ज्यादा

एप की सबसे खास बात यह है कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाने का भी विकल्प है. कोई भी व्यक्ति एंड्रॉयड आधारित सी-विजिल एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकता है.