जयपुर: ऊंटों की घटती तादाद के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उष्ट्र संरक्षण योजना को मंजूरी दी है. पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने इस योजना में आवेदकों के लिए इंटिग्रेटेड वेब एप्लीकेशन का लोकार्पण किया. इसके जरिए ऊंट पालक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. राज्य सरकार की तरफ से 5 हजार ऊंट पालकों को 10-10 हजार रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा.
कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने आज पंत कृषि भवन में राज्य सरकार की ऊंट संरक्षण योजना की लॉन्चिंग की. कटारिया ने बटन दबाकर इस वेब एप्लीकेशन का लोकार्पण किया. यह एप्लीकेशन राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है. इसके जरिए ऊंट पालक योजना में लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. लालचंद कटारिया ने कहा कि नवंबर से पैदा हुए ऊंट के बच्चों का योजना के लिए पंजीयन हो सकेगा. हर ऊंट पालक को अनुदान राशि दी जाएगी. पूर्व में जो सहायता ऊंट पालकों को मिलती थी, वो बंद हो गई थी. इससे ऊंट पालकों के सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई. अब फिर से सीएम गहलोत ने ऊंट पालकों को मदद देने के लिए शुरुआत की है. इससे ऊंटों की घटती संख्या को रोकने में मदद मिलेगी. ऊंट का काफ यानी टोडी 2 माह से बड़ा होना चाहिए. पंजीयन के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पिछले 1 सप्ताह में करीब 1 हजार आवेदन आ चुके हैं.
ऊंट संरक्षण योजना की कवायद:-
- 2 माह से बड़े ऊंट के बच्चों के लिए दिया जाएगा अनुदान
- ऊंट पालक वेब एप्लीकेशन के जरिए ई-मित्र से कर सकते आवेदन
- अब तक 48 जानवरों के 38 फॉर्म स्वीकृत किए, इन्हें भुगतान किया
- आवेदन सही पाए जाने पर सीधे ऊंट पालकों के खाते में भुगतान होगा
- अब तक पशुपालन विभाग को 1000 आवेदन मिल चुके हैं
- 5 हजार ऊंट पालकों को अनुदान जारी करेगा पशुपालन विभाग
गहलोत सरकार की इस योजना से ऊंट पालकों को आर्थिक रूप से सम्बल मिलेगा. दरअसल ऊंट को राज्य पशु घोषित किए जाने के बाद ऊंटों के परिवहन पर रोक सहित कई तरह की पाबंदियां लगी हैं. इससे ऊंट पालक इसे पालने से बचने लगे हैं. प्रदेश में हुई ताजा गणना के मुताबिक ऊंटों की संख्या महज 2 लाख 13 हजार ही बची है. राज्य सरकार लगातार 2 साल तक ऊंट पालकों को अनुदान देगी, इससे वे ऊंट के पालन-पोषण के लिए प्रेरित होंगे.
इस तरह फायदा उठा सकेंगे ऊंट पालक:-
- ऊंट पालक को अपनी पहचान व निवास की डिटेल देनी होगी
- आधार नंबर और जन आधार नंबर के जरिए आवेदन करना होगा
- आवेदन के बाद पशु चिकित्सक ऊंट व टोडी का पंजीयन करेंगे
- मादा ऊंट व बच्चे के फोटो के जरिए आईडी देकर टैगिंग की जाएगी
- बच्चे के 3 माह का होने पर 5 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी
- इसके बाद बच्चे का 1 साल का पूरा होने के बाद दुबारा 5 हजार दिए जाएंगे
पशुपालन मंत्री और सचिव ने कहा है कि यदि आवेदकों की संख्या 5 हजार से अधिक होगी, तो इसके लिए अन्य मदों से बजट जुटाया जाएगा. प्रयास यही रहेगा कि योजना में आवेदन करने वाले प्रत्येक ऊंट पालक को अनुदान दिया जा सके, जिससे ऊंट पालक लाभान्वित हो सकें.