जयपुर: आखिरकार 64 साल बाद कांग्रेस का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन इस बार गुजरात में होने जा रहा है. संगठन की मजबूती की दिशा में गुजरात अधिवेशन में कईं अहम प्रस्ताव पारित किए जा सकते हैं. जिलाध्यक्षों को पावरफुल बनाने सहित संगठन में कुछ बदलाव करने जैसे अहम फैसले गुजरात अधिवेशन में किए जा सकते हैं. अधिवेशन में राजस्थान के सीनियर नेताओं सहित टोटल 70 नेता शामिल होंगे.
लगातार करारी हार के चलते इन दिनों कांग्रेस पार्टी का पूरा फोकस अपने संगठन को नई धार देने पर है. कांग्रेस हाईकमान लगातार इसको लेकर कवायद में जुटा हुआ है. लिहाजा संगठन की मजबूती की दिशा के बीच अब कांग्रेस का अधिवेशन होने जा रहा है. दो दिवसीय अधिवेशन 8 और 9 अप्रैल को इस बार गुजरात में होगा. सभी की नजरें कांग्रेस के अधिवेशन में टिकी हुई है कि इसमें क्या बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.
-गुजरात के रण में कांग्रेस का अधिवेशन-
64 साल बाद गुजरात में होगा कांग्रेस का अधिवेशन
पहले दिन होगी विस्तारित कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक
दूसरे दिन 9 अप्रैल को फिर होगा अधिवेशन
अधिवेशन में देशभर के AICC सदस्य लेंगे हिस्सा
अधिवेशन में पारित होंगे कईं अहम प्रस्ताव
कांग्रेस संगठन की मजबूती को लेकर होगा अधिवेशन में मंथन
संगठन में बदलाव औऱ जिला अध्यक्षों को पावर देने जैसे फैसलों पर लगेगी मुहर
खड़गे,राहुल गांधी औऱ सोनिया गांधी के होंगे संबोधन
अधिवेशन के लिए पार्टी ने सिर्फ देशभर के अपने AICC सदस्य को बुलाया है. सभी सदस्यों को फोन औऱ इमेल के जरिए अधिवेशन में आने का बाकायदा निमंत्रण भी दिया जा चुका है.
राजस्थान के नेता भी अधिवेशन में लेंगे हिस्सा
टोटल 70 AICC सदस्य रहेंगे अधिवेशन में मौजूद
राजस्थान से है कुल 51 AICC इलेक्टेड सदस्य
19 AICC सदस्य है कॉप्टेड
राजस्थान के सीनियर नेता भी अधिवेशन में लेंगे हिस्सा
अशोक गहलोत,सचिन पायलट,गोविंद डोटासरा,टीकाराम जूली
सीपी जोशी,भंवर जितेन्द्र सिंह, पवन खेड़ा, अभिषेक सिंह सिंघवी
हरीश चौधरी,नीरज डांगी,भजनलाल जाटव लेंगे अधिवेशन में हिस्सा
दरअसल गुजरात में कांग्रेस हाईकमान ने एक रणनीति के तहत अधिवेशन कराने का फैसला लिया है. क्योंकि एक तो गुजरात में कांग्रेस कईं सालों से सत्ता से महरूम है. लिहाजा अधिवेशन के जरिए राहुल गांधी गुजरात नेताओं और कार्यकर्ताओं में नए जोश का संचार करना चाहते हैं. वहीं दूसरा अधिवेशन में संगठन में बदलाव करने और जिला अध्यक्षों को सियासी शक्तियां देने का फैसला करके हाईकमान संदेश देगा. अब देखना है कि गुजरात अधिवेशन से क्या रोडमैप कांग्रेस की दशा औऱ दिशा तय करने का बनता है.