नई दिल्ली: स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने देश भर में ‘डार्क वेब’ के जरिए संचालित किए जा रहे मादक पदार्थों की तस्करी के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने के साथ ही एलएसडी की अब तक की ‘‘सबसे बड़ी खेप’’ जब्त करने और छह लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. उसने बताया कि ये गिरफ्तार लोग छात्र और युवा हैं.
एलएसडी या लिसर्जिक एसिड डाइथिलेमाइड वास्तव में सिंथेटिक रसायन आधारित एक मादक पदार्थ है तथा इसे मतिभ्रमकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि यह नेटवर्क पोलैंड, नीदरलैंड, अमेरिका और भारत में विभिन्न राज्यों में फैला है. यह नेटवर्क डार्कनेट के जरिए काम करता है और भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करता है. उन्होंने एलएसडी के 15,000 ब्लॉट्स जब्त किए जाने का दावा किया. एनसीबी के उप महानिदेशक (उत्तरी रेंज) ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि यह देश में एक अभियान में एलएसडी ब्लॉट्स की जब्त की गयी ‘‘सबसे बड़ी खेप’’ है. उन्होंने बताया कि अभी तक कर्नाटक पुलिस ने 2021 में एलएसडी के सबसे अधिक 5,000 ब्लॉट्स जब्त किए थे.
उन्होंने बताया कि एलएसडी का सबसे अधिक दुरुपयोग युवा कर रहे हैं और इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं. ‘डार्क वेब’ का मतलब इंटरनेट में गहराई में छिपे उन मंचों से है जिनका इस्तेमाल मादक पदार्थों को बेचने, पोर्नोग्राफी सामग्री के आदान-प्रदान और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है. इंटरनेट पर संचार में गोपनीयता बनाए रखने के लिए ‘अॅनियन राउटर’ की मदद से इन गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां इन्हें पकड़ न पाएं. सोर्स- भाषा