VIDEO: खान विभाग की वीसी में बकाया वसूली पर जोर, राजस्व अर्जन में पिछड़े खनिज अभियंताओं की लगाई क्लास, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: खान विभाग में बकाया वसूली और वित्त वर्ष के राजस्व लक्षण को लेकर इन दोनों काफी कशमकश चल रही है. विशेष अभियान के दौरान बनाए गए पंचनामो में वसूली ने के बराबर हुई है. ऐसे में आज खनन निदेशक भगवती प्रसाद कलाल ने खान विभाग के अधिकारियों की क्लास लगा डाली. फील्ड अधिकारियों को साफ तौर पर कहा कि वित्त वर्ष के लक्ष्य पूरे किया जाए और शत प्रतिशत वसूली हो अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें. 

भगवती प्रसाद कलाल ने फील्ड अधिकारियों को दिए निर्देश
माइंस विभाग के फील्ड अधिकारी राज्य सरकार की
देय बकाया राशि की शतप्रतिशत वसूली करें
20 मार्च 2023 की 6701 करोड़ वसूली की तुलना में  20 मार्च, 24 तक 7002 करोड़ का राजस्व जमा
चालू वित्तीय वर्ष की राज्य सरकार को देय राशि की शतप्रतिशत वसूली के निर्देश
एसएमई कार्यालयों में 103 प्रतिशत राजस्व अर्जन के साथ जयपुर एसएमई कार्यालय अव्वल
सोजत, झुन्झुनू, बालेसर, ब्यावर, टोंक, कोटपुतली, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, जयपुर, अलवर वसूली में आगे

खान निदेशक भगवती कलाल खान विभाग के फील्ड अधिकारियों से वर्चुअली रुबरु हुए. कलाल ने विभाग के फील्ड अधिकारियों को चालू वित्तीय वर्ष की देय बकाया राशि की शतप्रतिशत वसूली के निर्देश दिए हैं. वहीं खानधारकों, क्वारी लाइसेंस धारकों, रॉयल्टी वसूली ठेका धारकों सहित खान विभाग से जुडे़ सभी प्रतिभागियों से आगे आकर राज्य सरकार की बकाया देनदारियां तत्काल जमा कराने को कहा है. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा गत वित्तीय वर्ष के 20 मार्च, 23 तक के राजस्व अर्जन 6701 करोड़ 93 लाख की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष की 20 मार्च, 24 तक 7002 करोड़ 43 लाख रु. का राजस्व अर्जन कर लिया है जो पिछले वित्त वर्ष की इस अवधि की तुलना में 300 करोड़ रु. से भी अधिक है. 

उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष के शेष बचे दिनों में राज्य सरकार के बकाया राजस्व वसूली के प्रयासों में और अधिक तेजी लानी होगी और चालू वित्तीय वर्ष की राज्य सरकार को देय बकाया राषि की शतप्रतिशत वसूली करनी है. उन्होंने पुरानी बकाया राशि की वसूली पर भी जोर देते हुए कहा कि चालू वर्ष की 100 प्रतिशत वसूली के साथ ही पुरानी बकाया राशि की वसूली के भी समझाईस, समन्वय व आवश्यकता होने पर सख्ती से कार्यवाही करते हुए अप्रिय कदम उठाने पड़े तो उसमें भी किसी तरह की कोताही नहीं बरते. कलाल ने बताया कि 20 मार्च तक जयपुर एसएमई के कार्यक्षेत्र में लक्ष्य के विरुद्ध 103 प्रतिशत राशि जमा हुई हैं वहीं एसएमई भीलवाड़ा सर्वाधिक 1845 करोड़ रु. की राशि जमा हुई है. 

उन्होंने बताया कि आलोच्य अवधि में लक्ष्य के विरुद्ध शतप्रतिशत से अधिक राजस्व अर्जन करने वाले एमई कार्यालयों में सोजत, झुन्झुनू, बालेसर, ब्यावर, टोंक, कोटपुतली, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, जयपुर और अलवर एमई कार्यालय है. उन्होंने लक्ष्य से कम वसूली वाले कार्यालयों को वसूली में तेजी लाने और 31 मार्च तक शतप्रतिशत लक्ष्य अर्जित करने को कहा है. खान निदेशक के तकनीकी सहायक देवेन्द्र गोड़ ने पीपीटी के माध्यम से सभी कार्यालयों की बकाया व वसूली की प्रगति से अवगत कराया. 

वर्चुअल बैठक में अतिरिक्त निदेशक  दीपक तंवर, पीआर आमेटा, एमपी मीणा, वित्तीय सलाहकार गिरिश कछारा, एसएमई कमलेश्वर बारेगामा, सतीश आर्य, एनके बैरवा, एनएस शक्तावत,  प्रताप मीणा,  भीम सिंह, अनिल खमेसरा, जय गुरुबख्सानी, केसी गोयल, श्याम कापड़ी, मनोज शर्मा, जिनेश हुमड़, एएमई सोहन लाल सुथार ने अपने अपने क्षेत्र की विस्तार से जानकारी दी. वीसी में विभाग के अतिरिक्त निदेशक, एसएमई, एमई और एएमई स्तर के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. सूत्रों का कहना है की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उन अधिकारियों को चेतावनी दी गई जो राजस्व अर्जन में पीछे रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि राजस्व लक्ष्य पूरा ने करने वाले अधिकारियों पर वित्त वर्ष समाप्ति के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है.