खरपतवार नाशक दवा का स्प्रे करने में जुटे किसान, दवा खरीदने में बिगड़ रहा है किसानों का बजट

खरपतवार नाशक दवा का स्प्रे करने में जुटे किसान, दवा खरीदने में बिगड़ रहा है किसानों का बजट

डीडवाना: डीडवाना जिले के कुचामन सिटी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा बरसात की वजह से इन दिनों खरिफ की फसलों में जंगली घास व चौड़ी पती वाले खरपतवार उग रहे हैं अगर समय पर इस पर काबू नहीं पाया तो फसलों में पैदावार कम होगी किसान कृषि विभाग के अधिकारियों की सलाह या अपने अनुभव के आधार पर फसलों में दवाई का स्प्रे कर रहे हैं. 

खरपतवार के अलावा  कई जगह फसलों में दीमक व सफेद गोजा लट व कातरा लट व अन्य कीटों का प्रकोप भी दिखाई देने लगा है जिसको लेकर किसान चिंतित नजर आ रहे हैं बुवाई  कर चुके किसानों के खेतों में खरीफ की फसल 20 से 25 दिनों की हो चुकी है किसानों ने खरपतवार नष्ट करना शुरू कर दिया है कहीं पारंपरिक तरीके से मजदूरों का सहारा लेकर हाथ से निराई गुड़ाई करके खरपतवार नष्ट कर रहे हैं तो कहीं खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव किया जा रहा है.

किसानों ने बताया कि खेतों में हाल ही में हुई बरसात से फसलें अच्छी है फसलों के साथ ही खेतों में उगने वाली खरपतवार और कीटों से फसलों को बचाने के लिए किसानों को समय-समय पर निराई गुड़ाई व दवाओं का छिड़काव करना पड़ता है. कई किसान पारंपरिक तरीके से निराई गुड़ाई करके खरपतवार निकाल रहे हैं. वहीं अनेक किसान ट्रैक्टर के द्वारा खेतों में कचरा मारने की दवाई छिड़कने का काम कर रहे हैं. 

किसानों को बड़ी मात्रा में खरपतवार और कीटनाशक खरीदनी पड़ती है .लेकिन साल दर साल दवाओं की कीमत बढ़ने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. खरपतवार निकालने में किसानों के पसीने छूट रहे खरपतवार नाशक दवा का प्रयोग करने पर भी लागत बढ़ रही है खरपतवार नहीं निकाले तो फसल नहीं होगी निकाले तो लागत अधिक लग रही है कृषि वैज्ञानिक भी किसानों को पारंपरिक तरीकों के अलावा वैज्ञानिक विधि से खरपतवार पर नियंत्रण का सुझाव दे रहे हैं. 

किसानों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है कीटनाशक दवाओं के मूल्य में भी वृद्धि हुई है इसका सीधा असर फसल की लागत मूल्य पर पड़ रहा है किसानों का कहना है कि जिस तेजी से फसल का लागत मूल्य बढ़ रहा है इसके मुताबिक फसल के मूल्य में वृद्धि नहीं हो रही है इसलिए खेती लाभ के बजाय नुकसान का धंधा बनता जा रहा है।