जयपुर: राजस्थान से चार चेहरों को मोदी सरकार में जगह मिली है. लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि भूपेंद्र यादव,गजेंद्र सिंह शेखावत,अर्जुन राम मेघवाल और भागीरथ चौधरी को ही केंद्रीय मंत्री क्यों बनाया गया.
लोकसभा चुनाव में राजस्थान के परिणाम बीजेपी के लिए मुफीद नही रहे इसके बावजूद नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के सियासी मान सम्मान को बरकरार रखते हुए चार प्रमुख चेहरों को अपने मंत्रिपरिषद में स्थान दिया. भूपेंद्र यादव ,गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल को फिर रिपीट किया गया. नए चेहरे के तौर पर भागीरथ चौधरी को लिया गया. इन चेहरों के जरिए जातीय और क्षेत्रीय संदेश साधा गया. भूपेंद्र यादव के जरिए मेवात ,मत्स्य क्षेत्र के साथ राज्य के अहीर या यूं कहे राठ वर्ग के बेल्ट को साधा गया. गजेंद्र सिंह शेखावत के जरिए मारवाड़ ,शेखावाटी के साथ ही बीजेपी के परंपरागत राजपूत वोट बैंक को साधा गया. अर्जुन राम मेघवाल के जरिए दलित वर्ग और बीकाना,नहरी क्षेत्र और मारवाड़ का साधने की कोशिश है. भागीरथ चौधरी के जरिए किसान या यूं कहे जाट वर्ग और मेरवाड़ा और मारवाड़ बेल्ट को साधने का प्रयास किया गया है.
भूपेंद्र यादव
क्यों बने भूपेंद्र यादव मोदी सरकार में फिर कैबिनेट मंत्री !
भूपेंद्र यादव बीते मोदी राज में भी मंत्री थी
वन और पर्यावरण मंत्री के तौर पर अपनी छाप छोड़ी
अमित शाह के नजदीकी है भूपेंद्र यादव
पहली बार चुनाव जीते वो भी अलवर जैसी कठिन सीट से
बीजेपी में कुशल रणनीतिकार के तौर पर जाने जाते हैं
ओडिसा में बीजेपी सरकार लाने में रहा योगदान
गजेंद्र सिंह शेखावत
क्यों बने गजेंद्र सिंह शेखावत फिर केंद्र में मंत्री !
शेखावत ने जल शक्ति मंत्रालय को अच्छे से संभाला था
राजपूत चेहरे के तौर पर राष्ट्रव्यापी चेहरे बने
लोकसभा चुनाव में राजस्थान और अन्य राज्यों में राजपूत समाज की नाराजगी देखने को मिली थी
शेखावत के फिर मंत्री बनने के पीछे परफॉर्मेंस के साथ ही सामाजिक कारण रहे
शेखावत को क्षत्रिय युवक संघ ,राजपूत फाउंडेशन जैसी बड़ी संस्थाओं का भी सपोर्ट रहा
राजस्थान में ERCP और यमुना जल समझौते को अमलीजामा पहनाने में भूमिका निभाई
पूर्व सीएम गहलोत के गढ़ में फिर से चुनाव जीतकर धाक जमाई
अमित शाह के परम विश्वस्त नेताओं में होती है गिनती
अर्जुन राम मेघवाल
क्यों बने अर्जुन राम मेघवाल फिर केंद्रीय मंत्री !
पिछली मोदी सरकार में बेस्ट फ्लोर मैनेजर रहे
लोकसभा में फ्लोर मैनेजमेंट को संभालने में कामयाब रहे
इतना ही नहीं कानून मंत्री के तौर पर भी छाप छोड़ी थी
किरण रिजिजू के बयानों के कारण न्याय पालिका से मतभेद हो गए थे
अर्जुन राम मेघवाल ने सरकार और न्यायपालिका के बीच सेतु का काम
न्यायपालिका से संवाद को सौहार्दपूर्ण बनाया
पीएम मोदी के विश्वस्त नेताओं में गिनती होती है
बीजेपी के प्रमुख दलित चेहरे है अर्जुन राम मेघवाल
लोकसभा चुनावों में अलग अलग राज्यों में पार्टी ने भेजा
भगीरथ चौधरी
क्यों बने अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी केंद्र में मंत्री !
विचार परिवार से किसान नेता का नाम मांगा गया था
विनय सहस्त्रबुद्धे ने ओबीसी वर्ग के नाम सुझा कर ऊपर भेजे
ओबीसी वर्ग से भागीरथ चौधरी और लुंबा राम चौधरी दो नाम सामने आए
जाट वर्ग से होने का फायदा भागीरथ चौधरी को मिला
बीजेपी नेतृत्व जाट नेता के रिप्लेसमेंट के तौर पर जाट नेता ही चाहता था
राजस्थान में मौजूदा चुनाव में किसान वर्ग नाराज दिखा
नतीजा ये निकला कि बीजेपी को शेखावाटी व नहरी क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ
भागीरथ के जरिए किसान वर्ग को साधने का प्रयास है बीजेपी का
जाट नेता चाहिए लेना था मारवाड़ या मेरवाड़ा से
अधिक विकल्प नहीं होने के कारण भागीरथ के नाम निर्णय हो गया
पहले भी अजमेर के सांसद सांवर लाल जाट केंद्र में मंत्री रह चुके
फिर उनके पास जनप्रतिनिधि रहने का अनुभव था
मार्बल सिटी किशनगढ़ के निवासी होने का भी लाभ मिला
बेहद सोच समझते हुए नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने राजस्थान से चेहरों को केंद्रीय मंत्रिपरिषद के लिए चुना. तीन मंत्रियों को पिछले राज में रही परफॉर्मेंस को भी आधार माना गया.भविष्य में राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट खाली हो रही. बीजेपी के सांसदों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. भविष्य में भी पीएम मोदी राजस्थान के अन्य चेहरों को भी स्थान दे सकते है. सियासत में प्लेस और रिप्लेस का दौर चलता रहता है.