जयपुर: ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा गायों को आश्रय स्थल देने की दिशा में गहलोत सरकार ने बड़ी पहल की है. अब राज्य में ग्राम पंचायत स्तर पर भी गौशालाएं खोली जाएंगी. इनका संचालन जनसहभागिता के जरिए किया जाएगा. उद्देश्य यही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हर गाय को आश्रय स्थल मिल सके. पहले चरण में 1500 ग्राम पंचायतों में गौशालाएं खोलने की मंजूरी दे दी गई है.
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों या खेतों में विचरण करने वाली निराश्रित गायों को सहारा देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ी पहल की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्राम पंचायत गौशाला जन सहभागिता योजना को मंजूरी दी है. बजट घोषणा की अनुपालना में ग्राम पंचायतों में गौशालाओं का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए जिन क्षेत्रों में एनजीओ होंगे, वहां प्राथमिकता से एक-एक करोड़ तक की राशि से गौशाला स्थापित की जाएंगी. परियोजना के लिए फंड जुटाने का कार्य गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि 2016 के जरिए किया जाएगा. योजना के तहत सीएम गहलोत ने पहले चरण में 1500 गौशालाएं खोलने की मंजूरी दी है. योजना के क्रियान्वयन के लिए पंचायत समिति स्तरीय गोपालन समिति का गठन किया जाएगा. यह समिति ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला खोलने के लिए सभी तरह की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी करेगी. ग्राम पंचायत गौशालाओं में किए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच और मूल्यांकन समिति के द्वारा किया जाएगा. समिति द्वारा ग्रामवासियों के सहयोग से निराश्रित गौवंश को ग्राम पंचायत गौशाला में स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जाएगी.
जानिए, क्या है ग्राम पंचायत गौशाला योजना
- राज्य सरकार द्वारा 2 वित्त वर्ष में पहले फेज में 1500 गौशालाएं खोली जाएंगी
- इनमें से 200 गौशालाएं इसी वित्त वर्ष में यानी मार्च माह तक खोली जाएंगी
- जबकि 1300 गौशालाएं ग्राम पंचायतों में अगले वित्त वर्ष में खोली जाएंगी
- सम्बंधित ग्राम पंचायत या चयनित एनजीओ को गौशाला में 200 गौवंश रखने होंगे
- इसके लिए 5 बीघा यानी 8 हजार वर्गमीटर भूमि होना जरूरी
- गौशाला में गौवंश की देखभाल अगले 20 वर्ष तक के लिए करनी होगी
- गौशाला में पक्के निर्माण का कार्य ग्राम पंचायत संस्था द्वारा कराया जाएगा
- नई गौशालाओं का पंजीयन राजस्थान गौशाला पंजीकरण अधिनियम 1960 के तहत जरूरी होगा
- नई गौशालाओं में 200 गायों को रखना जरूरी होगा
- संस्था का चयन जिला गोपालन समिति द्वारा खुली निविदा के जरिए किया जाएगा
ग्राम पंचायतों में गौशाला खोलने के लिए एक से अधिक आवेदन आने की स्थिति में मूल्यांकन और मानक अंकों के आधार पर संस्था का चयन किया जाएगा. जिन ग्राम पंचायतों में गौशालाएं नहीं होंगी, वहां प्राथमिकता से गौशाला खोली जाएगी. पहले सम्बंधित संस्था को गौशाला तक पहुंच के लिए ग्रेवल रोड और इंटरलॉकिंग टाइल्स लगानी होंगी. गौशाला में बाउंड्री वाॅल और तारबंदी करवानी होगी. यहां प्रशासनिक भवन, गोपालक आवास, पशु चिकित्सा सुविधा के लिए भी स्थान रखने होंगे. चारा भंडार ग्रह, काउ शैड, अंडरग्राउंड वाटर टैंक, पानी की खेली, ट्यूब वैल और चारा ठाण की सुविधाएं भी जुटानी होंगी. गौशाला में पानी का निकास और विद्युत कार्य भी कराने होंगे. प्रत्येक गौशाला के लिए 1 करोड़ का बजट निर्धारित होगा, जिसमें राज्य सरकार अधिकतम 90 लाख रुपए का अनुदान जारी करेगी.
प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक गौशाला जरूरी
- गौशाला निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा 90 लाख की राशि अधिकतम दी जाएगी
- कुल लागत में संस्थान का अंशदान 10 लाख रुपए होगा
- निर्माण कार्यों का एस्टिमेट, मानचित्र जिला समिति द्वारा अप्रूव कराना होगा
- गौशाला में निर्माण कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग की बीएसआर के अनुरूप कराने होंगे
- निर्माण कार्य का एस्टिमेट मिलने के 30 दिन में प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी
- गौशाला में निराश्रित गौवंश को ही रखना होगा
- अन्य गौशाला से किसी भी हाल में गायों को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा