हवा महल बना पर्यटकों की पहली पसंद, आमेर की साख पर सवाल ! ऐतिहासिक स्मारकों के अप्रैल-जून 2025 के आंकड़े, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः राजस्थान पर्यटन के सबसे मजबूत स्तंभ माने जाने वाले ऐतिहासिक स्मारकों में इस वर्ष के पहले तिमाही यानी अप्रैल-जून 2025 के आंकड़े कई चौंकाने वाले रुझान सामने ला रहे हैं. सबसे बड़ा उलटफेर तब सामने आया जब विश्व धरोहर में शामिल आमेर किला, जो वर्षों से शीर्ष स्थान पर था, वह घरेलू पर्यटकों की संख्या में हवा महल से पिछड़ गया. 

हवा महल ने इस अवधि में 3,23,959 पर्यटकों के साथ पहला स्थान हासिल किया, जबकि आमेर किले को 3,19,370 पर्यटकों ने देखा. इससे साफ संकेत मिलते हैं कि पर्यटकों की पसंद में बदलाव हो रहा है और सुविधाओं व पहुंच की सहजता अब रुचि से ज्यादा निर्णायक बनती जा रही है.

जयपुर का एकछत्र राज, टॉप-5 में राजधानी के 5 स्मारक
राजस्थान के 34 प्रमुख स्मारकों में से टॉप-5 सबसे अधिक देखे गए स्मारकों में सभी जयपुर से हैं:

हवा महल – 3,23,959

आमेर किला – 3,19,370

जंतर मंतर – 1,98,671

अल्बर्ट हॉल – 1,94,392

नाहरगढ़ किला – 1,87,680

इससे स्पष्ट है कि राजस्थान के स्मारक पर्यटन की रीढ़ फिलहाल राजधानी जयपुर ही बनी हुई है. राजधानी से बाहर केवल चित्तौड़गढ़ ही एकमात्र ऐसा स्मारक रहा जिसने 1 लाख से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया (1,12,066), जो इसकी ऐतिहासिक महत्ता और प्रचार-प्रसार की प्रासंगिकता को दर्शाता है.

आमेर पिछड़ा क्यों?
आमेर का किला जो वर्षों से विदेशी और देसी पर्यटकों के लिए सर्वोच्च आकर्षण था, अब कई कारणों से पिछड़ रहा है:

बेतरतीब ट्रैफिक और पार्किंग की भारी समस्या

लपकों (फेक गाइड्स) की बढ़ती सक्रियता

पर्यटक पहुँच में असुविधा

सुरक्षा और सफाई मानकों में गिरावट

स्थानीय दुकानदारों की मनमानी व ओवरचार्जिंग

इस सबका नतीजा ये हुआ कि पर्यटक हवा महल जैसे स्मारकों की ओर मुड़े, जहां शहरी केंद्र में लोकेशन, बेहतर गाइडिंग सिस्टम, और पार्किंग सुविधा मौजूद हैं.

विदेशी पर्यटक घटे, वजह: एडवाइजरी और युद्ध का साया

तीन महीनों में राजस्थान के स्मारकों में केवल 61,145 विदेशी पर्यटक ही पहुंचे, जो कि चिंताजनक आंकड़ा है.

इसके पीछे प्रमुख वजह है:
भारत-पाक सीमा तनाव और युद्ध की आशंका

अमेरिका सहित कई देशों की नेगेटिव ट्रैवल एडवाइजरी

मानसून पूर्व उच्च तापमान की चेतावनी

विदेशी पर्यटकों में आमेर नंबर-1

हालांकि विदेशी पर्यटकों की कुल संख्या में गिरावट दर्ज हुई है, फिर भी उनकी पसंद में आमेर आज भी पहले स्थान पर बना हुआ है.

आमेर – 26,414

जंतर मंतर – 22,578

हवा महल – 5,088

नाहरगढ़ – 3,447

अल्बर्ट हॉल – 2,626

इससे स्पष्ट होता है कि विश्व विरासत होने के नाते आमेर और जंतर मंतर का विदेशी पर्यटकों में विशेष आकर्षण बना हुआ है, हालांकि संख्या में गिरावट है.

जयपुर में निचले पायदान पर ये स्मारक

विद्याधर का बाग: केवल 2,676 पर्यटक

सिसोदिया रानी का बाग: 7,425

ईसरलाट: 9,293

इन स्मारकों पर न तो प्रचार-प्रसार है और न ही पर्यटन अनुकूल सुविधाएं, जिससे इनकी स्थिति और अधिक कमजोर हो रही है. बेहतर होगा आमेर में यातायात, पार्किंग और गाइडिंग सिस्टम की तत्काल पुनर्रचना हो.हवा महल जैसी स्मारकों के डिजिटल टिकटिंग, गाइडिंग, और सुरक्षा मॉडल को अन्य स्थलों पर लागू किया जाए. चित्तौड़ जैसे ऐतिहासिक धरोहरों को जयपुर के समान ब्रांडिंग मिले. विदेशी पर्यटकों की वापसी हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक अभियान चलाया जाए. छोटे स्मारकों को "थीम बेस्ड टूर सर्किट" से जोड़ा जाए ताकि समग्र पर्यटन लाभ मिले. राजस्थान के स्मारक पर्यटन को नई रफ्तार देने के लिए नीतिगत, प्रबंधन आधारित और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के ठोस कदमों की आवश्यकता है – नहीं तो साख और संख्या दोनों को गहराई से नुकसान हो सकता है.