जयपुर: प्रदेश में अप्रैल 2019 से पूर्व के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगाने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है, परिवहन विभाग ने हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट का काम निर्माता कंपनी और डीलरों को देने का फैसला कर लिया है. आने वाले एक सप्ताह में इसे लेकर परिवहन विभाग आदेश जारी कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार पूरे देश में अप्रैल 2019 से पूर्व के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाना अनिवार्य किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद कई प्रदेश ऐसे हैं जहां यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. अब जल्द ही राजस्थान में भी 2019 से पूर्व के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने का काम शुरू होने वाला है. प्रदेश में 20 लाख से अधिक वाहन ऐसे हैं जिन पर यह प्लेट लगाई जानी है. अभी तक परिवहन विभाग इस पशोपेश में था की वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने का काम किसे दिया जाए. लेकिन पूर्व में वेंडर की ओर से हुई कई तरह की गड़बड़ियों को देखते हुए परिवहन विभाग ने हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने का काम OEM यानी कि ऑरिजिनल इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरर के जरिये वाहन डीलरों को देने का नीतिगत फैसला लिया है.
परिवहन विभाग के इस फैसले को परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला भी मंजूरी दे चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले एक सप्ताह में परिवहन विभाग इसे लेकर विस्तृत आदेश जारी कर देगा परिवहन आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी का यह फैसला काबिले तारीफ है क्योंकि वाहन डीलरों को यह काम मिलने से लोगों को काफी सुविधा होगी. क्योंकि अगर यह काम वेंडर को दिया जाता तो वेंडर को पूरे प्रदेश में सेटअप लगाने के लिए काफी समय लगता वहीं डीलरों के पास पहले से यह सेटअप मौजूद है क्योंकि नई गाड़ियों पर उनकी तरफ से हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाई जा रही है. जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने की दरें भी तय कर चुका है.
2019 से पूर्व के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट नहीं होने से वाहन स्वामियों को काफी परेशानी और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे वाहन स्वामियों को दिल्ली, हरियाणा उत्तर प्रदेश, पंजाब ,चंडीगढ़ हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में 5000 से 10000 रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ रहा है तो कई जगह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट नहीं होने के कारण आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस भी सीज किये जा रहे हैं. परिवहन विभाग अगर जल्द से जल्द हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवाने की प्रक्रिया शुरू कर देता है तो ऐसे वाहन स्वामियों को जुर्माने से राहत मिल सकेगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद मध्यप्रदेश, दिल्ली, उड़ीसा,बिहार, UP, हिमाचल प्रदेश,सिक्किम सहित कई प्रदेशों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है इन सभी राज्यों में वाहन डीलरों को ही यह काम दिया गया है.
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने के फायदे
1- इस रजिस्ट्रेशन प्लेट में 7 अंकों का यूनिक कोड होता है जिसकी मदद से गाड़ी के बारे में जानकारी और दुर्घटना के समय वाहन मालिक का आसानी से पता लगाया जा सकता है
2- रजिस्ट्रेशन प्लेट के कोड को कंप्यूटर में दर्ज करते ही वाहन और वाहन 0मालिक के संदर्भ में सभी जानकारी सामने आ जाती है
3- हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के माध्यम से वाहनों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जा सकता है
4- हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट से वाहन से सम्बंधित अपराधों पर रोक लगी है
5- हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एंब्रोस और क्रोमियम प्लेटेड होने की वजह से कमरे में भी आसानी से दर्ज हो जाती है
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट मौजूदा समय की जरूरत है. इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने 2019 से पूर्व के वाहनों में इसे लगाया जाना अनिवार्य किया है, अब प्रदेश में परिवहन विभाग जल्दी इस प्रक्रिया को शुरू करने जा रहा है. वहां डीलरों को यह जिम्मेदारी मिलने के बाद यह तय है कि प्रदेश में जल्द से जल्द 20 लाख से अधिक वाहनों में यह प्लेट लगाई जा सकेगी.