अगर राहुल गांधी का ‘प्रभाव’ इस वर्ष कायम रहा तो 2024 में आ सकता है राजनीतिक बदलाव- Sanjay Raut

मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि पिछले वर्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नेतृत्व ‘‘प्रभावशाली’’ रहा और अगर वर्ष 2023 में यही क्रम जारी रहा तो अगले आम चुनाव में देश में राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकता है.

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक आलेख ‘रोकटोक’ में राउत ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय मंत्री अमित शाह को ‘‘ नफरत और विभाजन’’ के बीज नहीं बोने चाहिए. राज्य सभा सदस्य राउत ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा सुलझ गया है, इसलिए इस मामले पर अब कोई वोट नहीं मांगे जा सकते.

धर्म की महिला को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए:
उन्होंने कहा कि इसलिए ‘लव जेहाद’ का एक नया पेंच तलाशा जा रहा है. क्या लव जेहाद का यह नया हथियार चुनाव जीतने के लिए और हिंदुओं के बीच भय फैलाने में इस्तेमाल किया जा रहा है. हाल में टेलीविजन कलाकार तुनिषा शर्मा की कथित तौर पर आत्महत्या और बहुचर्चित श्रद्धा वालकर हत्याकांड का जिक्र करते हुए राउत ने कहा कि ये ‘‘लव जेहाद’’ के मामले नहीं थे. हालांकि, उन्होंने कहा कि किसी भी जाति अथवा धर्म की महिला को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए.

जो चल रही है वह है सत्ता की राजनीति:
राउत ने उम्मीद जताई कि वर्ष 2023 में देश भयमुक्त बनेगा. उन्होंने कहा कि जो चल रही है वह है सत्ता की राजनीति. उम्मीद करता हूं कि राहुल गांधी की यात्रा सफल हो और अपना उद्देश्य हासिल करे. राउत ने दावा किया कि 2022 ने राहुल गांधी के नेतृत्व को नयी चमक और प्रभाव प्रदान किया है. अगर 2023 में यही क्रम जारी रहा तो हम 2024 (आम चुनाव) में बदलाव देख सकेंगे.

मोदी और शाह को घृणा और विभेद के बीज नहीं बोने चाहिए:
अपने आलेख में राउत ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि हमें संकीर्ण बर्ताव से बचना चाहिए लेकिन तथ्य यह है कि यह रुख भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन में बढ़ा है. राउत ने कहा कि आज के शासक विपक्षी दलों के अस्तित्व और उनके अधिकारों को स्वीकार नहीं करना चाहते. राज्य सभा सदस्य ने दावा किया कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच खाई पैदा करने से एक नए विभाजन की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि मोदी और शाह को घृणा और विभेद के बीज नहीं बोने चाहिए. सोर्स-भाषा