भारत नव-औपनिवेशिक प्रतिमानों में सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने में विश्वास नहीं करता - राजनाथ

बेंगलुरु: भारत सहायता की जरूरत वाले देशों को “उपदेश या पूर्व निर्धारित” समाधान देने में विश्वास नहीं करता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यह बात कही.

‘एयरो इंडिया’ में विभिन्न देशों के अपने समकक्षों को संबोधित करते हुए सिंह ने आतंकवाद के खतरे सहित गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एकजुट प्रयासों का भी आह्वान किया. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत “पुराने पितृसत्तात्मक या नव-औपनिवेशिक प्रतिमानों” में ऐसे सुरक्षा मुद्दों से निपटने में विश्वास नहीं करता है और यह हमेशा उनका मुकाबला करने के लिए एक सामूहिक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देता है.

उन्होंने कहा कि हम सभी देशों को समान भागीदार मानते हैं. इसलिए, हम किसी देश की आंतरिक समस्याओं के लिए बाहरी या ‘सुपर नेशनल’ समाधान थोपने में विश्वास नहीं करते हैं.  उन्होंने कहा कि हम धर्मोपदेश या पहले से निर्धारित ऐसे समाधान देने में विश्वास नहीं करते हैं जो सहायता चाहने वाले देशों के राष्ट्रीय मूल्यों और बाधाओं का सम्मान नहीं करते हैं. 

इस टिप्पणी को चीन के संदर्भ में देखा जा रहा:
सिंह ने कहा कि भारत अपने सहयोगी देशों की क्षमता निर्माण का समर्थन करता है ताकि वे अपनी नियति खुद तय कर सकें. उन्होंने कहा कि ऐसे राष्ट्र हैं जो दूसरों की तुलना में समृद्ध, सैन्य या तकनीकी रूप से अधिक उन्नत हैं, लेकिन यह उन्हें इस बात का अधिकार नहीं देता कि वे मदद चाहने वाले राष्ट्रों पर अपने समाधान थोपें. उनकी इस टिप्पणी को चीन के संदर्भ में देखा जा रहा है. सोर्स- भाषा