भारत में मानसून पूर्व मौसम में अब तक 28 प्रतिशत अधिक बारिश हुई

नई दिल्ली: भारत में अब तक मानसून पूर्व मौसम में 28 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है जबकि मध्य क्षेत्र में सामान्य से 268 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई.पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में एक मार्च से तीन मई तक 29 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई. सामान्य रूप से 199.9 मिमी के मुकाबले यहां 141.5 मिमी बारिश हुई.उत्तरपश्चिम भारत जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड में 18 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई (83.4 मिमी के मुकाबले 98.3 मिमी) जबकि प्रायद्वीपीय क्षेत्र में 88 प्रतिशत ज्यादा बारिश इस अवधि के दौरान हुई (54.2 मिमी सामान्य बारिश के मुकाबले 102 मिमी).

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र समेत मध्य भारत में सामान्य से 268 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई. यहां 18.2 मिमी के बजाय 67 मिमी बारिश देखने को मिली.पूर्वी और पूर्वोत्तर भागों को छोड़कर 21-22 अप्रैल से देश के बड़े हिस्सों में एक के बाद एक कई मौसम प्रणालियों के कारण लंबे समय तक बारिश देखने को मिली.इसके फलस्वरूप, देश के अधिकांश हिस्सों में इस अवधि के दौरान सामान्य दिन के तापमान की तुलना में काफी कम तापमान दर्ज किया गया.आईएमडी के अनुसार, 21 अप्रैल के बाद से भारत में एक भी जगह पर लू चलने की सूचना नहीं है.

आईएमडी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि अप्रैल और मई में बिना लू के इतनी लंबी अवधि “बहुत दुर्लभ” है.आमतौर पर भारत में मई में भीषण गर्मी वाले सबसे ज्यादा दिनों दर्ज किये जाते हैं. महीने के दौरान तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है, खासकर देश के उत्तर, उत्तर पश्चिम और मध्य भागों में. भीषण गर्मी वाला दिन तब घोषित किया जाता है जब मैदानी इलाके में किसी मौसम केंद्र पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए और सामान्य तापमान से विचलन कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस हो. वहीं तटीय इलाकों में अधिकतम तापमान 37 डिग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस होने पर भीषण गर्मी वाले दिन घोषित किया जाता है बशर्ते सामान्य तापमान से विचलन कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस हो. सोर्स भाषा