भारतीय ग्रैंडमास्टर गुकेश ने जीती विश्व आर्मेगेडोन एशिया एवं ओसियाना प्रतियोगिता

बर्लिन: किशोर भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने फाइनल में पूर्व विश्व रेपिड चैंपियन उज्बेकिस्तान के नादिरबेक अब्दुसतारोव को हराकर रविवार को यहां विश्व शतरंज आर्मेगेडोन एशिया एवं ओसियाना प्रतियोगिता का खिताब जीत लिया.

सोलह साल के गुकेश ने उतार-चढ़ाव भरे मुकाबले में जीत दर्ज की. पहली बाजी में चूकने के बाद गुकेश को दूसरी बाजी में हार का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने ‘अतिरिक्त मौके’ का इस्तेमाल करते हुए अब्दुसतारोव के खिलाफ मुकाबले को दोबारा शुरू कराया. ‘नए’ मुकाबले की पहली बाजी ड्रॉ रही लेकिन भारतीय ग्रैंडमास्टर अगली बाजी जीतकर चैंपियन बना. गुकेश और अब्दुसतारोव दोनों को सितंबर में होने वाले आर्मेगेडोन ग्रैंड फिनाले में जगह मिली.

ईरान के परम माघसोदलो जैसे खिलाड़ी हिस्सा ले रहे:
इस टूर्नामेंट में गुकेश और अब्दुसतारोव के अलावा पूर्व विश्व क्लासिकल चैंपियन व्लादिमीर क्रैमनिक, डेनिल डुबोव, चीन के यांगयी यू, भारत के विदित गुजराती और कार्तिकेयन मुरली तथा ईरान के परम माघसोदलो जैसे खिलाड़ी हिस्सा ले रहे थे. गुकेश ने जीत के बाद ट्वीट किया कि विश्व शतरंज की आर्मेगेडोन चैंपियनशिप सीरीज 2023 का रोमांचक एशिया ओसियाना ग्रुप जीतने की खुशी है. पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने इस युवा ग्रैंडमास्टर की उपलब्धि की सराहना की. आनंद ने ट्वीट किया कि डी गुकेश को बधाई. शानदार उपलब्धि विशेषकर अलग तरह के समय नियंत्रण को देखते हुए. गर्व है कि वाकाचेस के हमारे शिष्य ने हमें एक बार फिर गौरवांवित किया.

एक प्रकार है जो मुकाबले के ड्रॉ होने पर खेला जाता है: 
टूर्नामेंट के प्रत्येक दिन मैच में दो ब्लिट्ज बाजियां खेली जाती थी और अगर जरूरत पड़ी तो आर्मेगेडोन बाजी (सफेद मोहरों के लिए पांच मिनट, काले मोहरों के लिए चार मिनट) खेली जाती थी. आर्मेगेडोन बाजी ब्लिट्ज बाजी का एक प्रकार है जो मुकाबले के ड्रॉ होने पर खेला जाता है. आर्मेगेडोन बाजी ड्रॉ होने पर काले मोहरो से खेलने वाले को विजेता घोषित किया जाता है. सोर्स-भाषा