आईटी कंपनी यूफीजियोने वलसाड को मुख्यालय बनाकर 80 देशों में दे रही सेवा

आईटी कंपनी यूफीजियोने वलसाड को मुख्यालय बनाकर 80 देशों में दे रही सेवा

वलसाड: भारत में हैदराबाद, बैंगलोर या मुंबई को आईटी हब माना जाता है, लेकिन अब आईटी कंपनियां छोटे शहरों को मुख्यालय के तौर पर पसंद कर रही है. आईटी कंपनी यूफीजियो इसका श्रेष्ठ उदाहरण है, जिसने गुजरात के वलसाड को अपना मुख्यालय बनाया है और एक छोटे टाउन से कंपनी शुरू कर भारत समेत विश्व के 80 शहरों में अपनी सेवा का विस्तार किया है.साथ ही कंपनी ने दुबई में भी अपनी एक ब्रांच शुरू की है. इससे यह कहा जा सकता है कि सफलता और विकास के लिए जगह मायने नहीं रखती बल्कि पेशंस होना चाहिए.

वलसाड के युवा तुषार भगत ने जर्मन आईटी विशेषज्ञ हेल्मेट ऑटो के साथ वलसाड में यूफीजियो कंपनी की स्थापना की है. एक छोटे से फ्लैट में शुरू की गई इस कंपनी का आज वलसाड के धरमपुर रोड पर आलीशान कोरपोर्ट आफिस है. साथ ही कंपनी ने अपनी सेवा का भारत के अलावा यूरोप, अमरीका, आफ्रीका और एशिया के कुल 80देशों तक विस्तार किया है. यूफीजियो एक व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनी है. कंपनी का व्हीकल ट्रेकिंग सॉफ्टवेयर अन्य कंपनियों के सोफ्टवेयर से एडवांस है और भारत में कई राज्य सरकारें अपने विभिन्न विभागों में इस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रही है.

कंपनी का व्हीकल ट्रेकिंग सॉफ्टवेयर (वीटीएस/जीपीएस) का उपयोग आज कई राज्यों की पुलिस, एंबुलेंस, स्वास्थ्य सेवा के लिए किया जा रहा है. कुछ राज्यों में इस सिस्टम का उपयोग वेस्ट मैनेजमेंट के लिए और रेलवे की विविध सुविधाओ के लिए भी किया जा रहा है, जो कंपनी की महत्वपूर्ण उपलब्धि है. बस में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक राज्य ने अपनी बसों में अनोखा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया है. जिसमें कैमरा, आपातकालीन स्वीच और लोकेशन ट्रेकिंग जैसी सुविधा के साथ यह सॉफ्टवेयर कार्य करता है. यूफीजियो के इस प्रोजेक्ट में वलसाड के युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान है. इस आईटी कंपनी की विशेषता यह है कि उसके देश विदेश के बड़े बड़े प्रोजेक्ट दक्षिण गुजरात के शहरों से लेकर गांवों के युवाओं द्वारा ही तैयार किए गए हैं.

यूफीजियो का विकास किसी भी तरह की फंडिंग के बिना हुआ है

आम तौर पर अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में आईटी की सेवाएं देने वाली कंपनियां निवेशकों से फंड लेकर कंपनी का विस्तार करती है, लेकिन वलसाड की यूफीजियो कंपनी किसी भी तरह का फंड लिए बिना एक जायंट के तौर पर उभरी है. अब तक कंपनी अपने ही फंड से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कार्यरत हुई है.

विभिन्न देशों की सरकार और भारत में विभिन्न राज्य सरकारों के साथ कंपनी ने कई प्रोजेक्ट किए हैं.यह विकास यात्रा यहीं नहीं रूकी है, बल्कि अब अन्य देशों की सरकारों के लिए भी कई बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही है. यूरोप और एशिया के कई बड़े देशों के साथ प्रोजेक्ट के लिए कंपनी ने एमओयू किए हैं और आईटी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.