नई दिल्ली जल जीवन मिशन के तहत 11 करोड़ परिवारों को नल से पानी की आपूर्ति हो रही- Droupadi Murmu

जल जीवन मिशन के तहत 11 करोड़ परिवारों को नल से पानी की आपूर्ति हो रही- Droupadi Murmu

जल जीवन मिशन के तहत 11 करोड़ परिवारों को नल से पानी की आपूर्ति हो रही- Droupadi Murmu

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि हर घर तक जल पहुंचाने के लिए सरकार ने ‘जल जीवन मिशन’ शुरू किया था और इसके तहत तीन साल में करीब 11 करोड़ परिवारों को नल से जल की आपूर्ति होने लगी है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने साढ़े तीन करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्का घर बनाकर दिया है. राष्ट्रपति मुर्मू बजट सत्र के पहले दिन ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रही थीं.

11 करोड़ परिवार नल से जल की आपूर्ति से जुड़ चुके:
उन्होंने अपने पारंपरिक अभिभाषण में कहा कि मैं सामान्य नागरिकों के जीवन से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण संसाधन - पानी का उदाहरण सामने रखना चाहूंगी. सरकार ने ‘हर घर जल’ पहुंचाने के लिए ‘जल जीवन मिशन’ शुरू किया. राष्ट्रपति ने कहा कि उससे पहले, सात दशकों में देश में करीब सवा तीन करोड़ घरों तक ही पानी का कनेक्शन पहुंचा था कि लेकिन, जल जीवन मिशन के तहत तीन वर्षों में करीब 11 करोड़ परिवार नल से जल की आपूर्ति से जुड़ चुके हैं.

आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है:
उन्होंने कहा कि इसका सबसे ज्यादा लाभ गरीब परिवारों को ही हो रहा है, उनकी चिंता का स्थायी समाधान हो रहा है. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि बीते वर्षों में सरकार ने साढ़े तीन करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्का घर बनाकर दिया है. उन्होंने कहा कि जब घर मिलता है तो नया आत्मविश्वास आता है. इससे, उस परिवार का वर्तमान तो सुधरता ही है, उस घर में जो संतान बड़ी होती है, उसके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है.

शत-प्रतिशत कवरेज यानी संतृप्ति संभव:
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने शौचालय, बिजली, पानी, गैस, ऐसी हर मूल सुविधा की चिंता से गरीब को मुक्त करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि इससे देश की जनता को भी यह विश्वास हुआ है कि सरकारी योजना और सरकारी लाभ वास्तव में ज़मीन पर पहुंचता है और भारत जैसे विशाल देश में भी शत-प्रतिशत कवरेज यानी संतृप्ति संभव है.

बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग के लिए काम किया:
मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि हमारे ग्रंथों में लिखा है- अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्. यानी यह अपना है, यह पराया है- ऐसी सोच सही नहीं होती. उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग के लिए काम किया है और बीते कुछ वर्षों में सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि अनेक मूल सुविधाएं आज या तो शत-प्रतिशत आबादी तक पहुंच चुकी हैं या फिर उस लक्ष्य के बहुत निकट हैं. सोर्स-भाषा

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