मन की बात लोगों को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित कर रहा : राज्यपाल कलराज मिश्र

मन की बात लोगों को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित कर रहा : राज्यपाल कलराज मिश्र

जयपुर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 100वीं कड़ी का रविवार को यहां राजभवन में प्रसारण किया गया. कार्यक्रम में कला, संस्कृति, चिकित्सा, खेल, उद्यम आदि क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों ने हिस्सा लिया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कार्यक्रम के बाद राजभवन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम एक ऐसी ऐतिहासिक और अनूठी पहल है, जिसमें नागरिकों से प्रधानमंत्री का सीधा संवाद होता है.

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम लोगों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित कर रहा है और यही इसकी सफलता एवं सार्थकता है. मिश्र ने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम देश में हो रही प्रगति से तो अवगत कराता ही है, साथ ही उन लोगों के जीवन को भी सामने लाता है, जो समाज के लिए कुछ अनूठा और महत्वपूर्ण कर रहे हैं. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हर क्षेत्र, हर वर्ग, हर पर्व, हर उद्यम, हर भाषा, हर परंपरा, हर तरह के खान-पान सहित अनेक विषयों को अपने इस कार्यक्रम के माध्यम से छुआ है.

मिश्र ने कहा कि मोदी ने इसी कार्यक्रम के माध्यम से देश में स्वच्छता, ‘वोकल फॉर लोकल’, खादी को अपनाने का आह्वान किया. स्टार्टअप का सशक्त तंत्र विकसित करने के लिए युवाओं को जागरूक करने, योग संस्कृति का प्रसार करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने में भी इस कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. राज्यपाल ने दावा किया, प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम की पिछली कड़ियों को सौ करोड़ लोगों ने कम से कम एक बार सुना है. करीब 23 करोड़ लोग इसे नियमित रूप से सुनते हैं. मैं खुद भी इस कार्यक्रम को लगातार सुनता हूं.

कार्यक्रम में पैरालंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया, निशानेबाज अवनि लेखरा, गायक रवींद्र उपाध्याय, गजल गायक अहमद हुसैन एवं मोहम्मद हुसैन ने भी अपने विचार व्यक्त किए. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी यहां पार्टी मुख्यालय में प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के प्रसारण की व्यवस्था की थी. पार्टी नेताओं ने भी अपने-अपने स्तर पर विभिन्न स्थानों पर लाइव प्रसारण का आयोजन किया, जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों ने हिस्सा लिया. सोर्स भाषा