KeyNote by Pawan Arora: एनकाउंटर पर कोई समझौता नहीं! राजस्थान पुलिस का सख्त संदेश, DGP राजीव शर्मा का SUPER EXCLUSIVE INTERVIEW

जयपुरः First India News के सीईओ और मैनेजिंग एडिटर पवन अरोड़ा ने राजस्थान के DGP राजीव शर्मा का KeyNote by Pawan Arora कार्यक्रम में SUPER EXCLUSIVE INTERVIEW लिया. जिसमें सटीक सवालों का राजीव शर्मा ने जवाब दिया. 

DGP Rajeev Sharma का सफर...IPS तक कैसे पहुंचे?

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा तो उत्तर प्रदेश में हुई. उसके बाद दिल्ली में राजकीय स्कूल से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की. उसके बाद में आगरा में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया. जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय से एम.फिल किया, फिर सीधे IPS में चयन हुआ. 

शुरू से ही सिविल सेवा में आने का मन था: DGP Rajeev Sharma

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि शुरू से ही सिविल सेवा में आने का मन था

आमजन के लिए थाने होंगे फ्रेंडली!  DGP Rajeev Sharma का बड़ा वादा 

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि जो प्राथमिकता है, वो है कि हमारे थानों को फ्रेंडली रख सकें. किसी भी व्यक्ति को थाने जाने में या बात हम तक पहुंचाने में परेशानी ना हो. किसी से कहलवा कर थाने ना जाना पड़े, उसको सोचना ना पड़े कि वहां कैसा व्यवहार होगा ? हम चाहते हैं कि हमारे लोगों को इस तरह से तैयार करें. कि कोई भी व्यक्ति नि:संकोच सीधे थाने में जाकर मदद मांग सके. तो वो अगर हम कर पाएं तो, दूसरा ये कि कोई भी अपराध हो. कि उनको करने वाले के मन में ऐसा भय हो कि राजस्थान अपराध के लिए नहीं है. चाहे वो छुपकर करना चाहे या बाहर से या फिर विदेश से. उनके हर तौर तरीके पर उन पर सख्ती से कार्रवाई करें. ताकि कोई भी इस तरह की दुश्चेष्टा नहीं कर पाए.

बीट कॉन्स्टेबल से सीधा जुड़ें, मदद पाएं तुरंत: DGP Rajeev Sharma

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि देखिए जो थानों में स्वागत कक्ष बनाए गए थे. उसके पीछे मंशा यही थी कि वहां पर जाकर लोगों को एक तसल्ली मिले. वहां पर एक व्यक्ति ऐसा मिले, कि जो उनको गाइड करे, उनकी जो भी समस्या है. जैसे कोई महिला है तो फिर थाने में महिला अधिकारी को बुलाए. उसकी बात समझने की कोशिश करे या कोई अपराध हुआ है. उसकी सूचना है तो जो भी वरिष्ठ अधिकारी है उसको बुलाकर बात करे. उसकी रिपोर्ट दर्ज करे और वहां पर उनको अच्छी तरह से बैठाकर बात करने का अवसर मिले. वही अगर हम ठीक से कर लें तो उसके लिए किसी निजी व्यक्ति को बुलाने की आवश्यकता नहीं है. हम चाहते हैं कि लोग सीधा हमारे लोगों से जुड़ें और जैसे हमारा बीट कॉन्स्टेबल है, उस क्षेत्र के किसी व्यक्ति को कोई दिक्कत है तो वो सीधा उसे फोन करे और उसकी मदद ले. बजाय इसके कि वो अपने स्थानीय स्तर पर कोई मदद ले. बीट कॉन्स्टेबल का नंबर सबके पास होना चाहिए. और उनको इतना विश्वास हो कि वो अगर उनसे बात करेंगे तो उनको मदद मिलेगी. 

अब हर इमरजेंसी के लिए सिर्फ 112!...DGP Rajeev Sharma ने दी खास जानकारी

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि आपको ध्यान होगा कि अभी 112 नंबर को भारत सरकार द्वारा बड़े स्तर पर सभी राज्यों में लागू किया जा रहा है. राजस्थान में भी उसको हम तेजी से तैयार कर रहे हैं. 1,000 हमारी गाड़ियां हैं जो इसी कार्य में लगी हुईं है. उसका उद्देश्य यही है कि धीरे-धीरे 112 नंबर आपकी हर तरह की मदद के लिए एक नंबर होगा. उसमें आपको फायर सर्विस हो, पुलिस सर्विस हो, महिला हेल्पलाइन या चाइल्ड हेल्पलाइन हो. हर तरह की हेल्पलाइन को 112 नंबर से जोड़ा जा रहा है. ताकि आपको अलग-अलग नंबर याद नहीं रखने पड़े. और उसकी हम लाइनें बढ़ा रहे हैं साथ ही गाड़ियां भी बढ़ा रहे हैं. हमारा भी रिस्पॉन्स टाइम पहले 20 मिनट से ज्यादा था. वो घट कर अब 13 मिनट तक आ चुका है. कई बार इससे भी कम रहा है, तो हम इसे 5 मिनट तक ला रहे हैं. ताकि किसी भी नागरिक को कोई भी दिक्कत हो तो वो उसे 5 मिनट में ही मिल सके.  

पैदल गश्त बढ़ाओ, जनता से जुड़ो...DGP Rajeev Sharma की Proactive Policing टिप्स

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि ऐसी चीजें जो हमें दिख रही हैं, उसके लिए हमें किसी को बताने की जरूरत नहीं होनी चाहिए. और जो हमारी विजिबलिटी है पुलिस की, उस पर हम कोशिश कर रहे हैं कि पुलिस की सक्रियता सबसे ज्यादा अच्छे तरीके से पैदल गश्त से दिखती है. तो हम चाहते हैं कि हमारे लोग ज्यादा से ज्यादा पेट्रोलिंग में जाएं. जहां भीड़ हो, मार्केट हो वहां पैदल गश्त करें. सीनियर अधिकारी भी बीच-बीच में जाएं, तो उससे बहुत फर्क पड़ता है फिर इसी बहाने उनका लोगों से और जुड़ाव होगा. तो जो लोगों की समस्याएं हैं वो सीधे-सीधे उन तक पहुंचेंगी. इसके लिए उनको इंतजार नहीं करना चाहिए, तो वो एक तरीके से काम करें तो फर्क पड़ेगा. 

CCTV और AI से बढ़ेगी राजस्थान की सुरक्षा!

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि देखिए विदेश और हमारे में बहुत बड़ा Population का फर्क है. तो उसमें हम सिर्फ कैमरा बेस्ड पुलिसिंग नहीं कर सकते हैं. और एक जनता में विश्वास का लेवल लाने के लिए भी विजिबिलिटी की उतनी ही आवश्यकता है. आप जो कह रहे हैं वो भी बहुत जरूरी है कि जो आधुनिक तकनीक है उसका इस्तेमाल करें. हमारे अभय कमांड सेंटर्स में जो CCTV कैमरे लगाए गए हैं, उनकी मॉनिटरिंग अच्छे से हो. उनकी कनेक्टिविटी अच्छी हो और उनका दायरा भी बढ़ाया जाए. अभी जितने लगे हुए हैं उनकी भी हमने सारे जिलों से एक्सरसाइज कराई. एक CCTV कैमरे की कवरेज कहां-कहां पर और होनी चाहिए ? खास तौर पर बॉर्डर एरिया में कहां होनी चाहिए, शहरों में कहां होनी चाहिए ? ऐसे कौन-से स्थान हैं जो बचे हुए हैं, तो हमने एक्सरसाइज कर ली है. अभी माननीय मुख्यमंत्री ने एक मीटिंग भी ली थी, उसमें उन्होंने ये निर्देशित भी किया है. कि CCTV कैमरे का एक अच्छा कवरेज राज्य का होना चाहिए. उसकी मदद अपराध में भी मिलेगी और उस पर वर्कआउट करने में भी मदद मिलती है. तो हम साथ-साथ कर रहे हैं, साथ ही AI का इस्तेमाल किया जा रहा. जिससे फेस रिकॉग्नाइजेशन करके अपराधियों को पहचानने में और पकड़ने में मदद मिलेगी. हमे दोनों मिक्स करके चलना है कुछ विजिबिलिटी बढ़ाकर पब्लिक में एक Sense of Security देना है. वहीं दूसरा टेक्निक का इस्तेमाल करना है. 

प्राइवेट और सरकारी CCTV की फीड सीधे पुलिस तक, बड़ी योजना!

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि जो CCTV कवरेज हैं, कुछ तो सरकारी हैं. जो नगर निगम, JDA आदि संस्थाओं में राज्य सरकार ने लगाए हैं. साथ ही साथ कई लोग अपने संस्थानों में लगाते हैं, मॉल में लगाते हैं तो कोशिश यही की जा रही है कि जो भी CCTV कवरेज हैं चाहे वो सरकारी हों या प्राइवेट, उन सबकी फीड डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम तक आए. और उनका इंटीग्रेशन इस तरह से हो कि सारे शहर में जितना भी कवरेज है. उनका एक जगह पर एक्सेस मिल सके, ताकि पुलिस को उसका इस्तेमाल करने में सहूलियत हो सके. थाना स्तर की जो बात कह रहे हैं, अभी तो डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम पर बैठक कर उसको एग्जामिन करने की फैसेलिटी का है, क्योंकि अभय कमांड सेंटर्स बन गए हैं. अब उनकी फीड को और ढंग से डेवलप करें कि जो आप कह रहे हैं. कि उस थाना से संबंधित फीड को उसी थाने पर दी जा सके. और उसको जब आवश्यकता हो वो उसे देख सके. लेकिन, जरूरी ये है कि सारी जगहों पर इसकी कवरेज बढ़े. और जहां-जहां भी कमर्शियल एक्टिविटी हैं वहां सभी जगहों पर CCTV जरूर लगें. 

थानों पर कोई दबाव नहीं! खुलकर FIR और सख्त कार्रवाई का असर दिखा

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि अपराध में कमी के पीछे बहुत सारी चीजें इसमें कॉन्ट्रिब्यूट करती हैं सबसे अहम पुलिस का इकबाल और उसकी कार्रवाई होती है तो जितनी पुलिस सक्रिय होगी, उतना ही अपराध में कमी आने की संभावना होती है देश में राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है, जिसमें आप देखेंगे कि लगातार अपराधों के रजिस्ट्रेशन को लेकर किसी भी तरह का दबाव थानों पर नहीं रहा. आपको केस कम करना है, ऐसा सुनने में कभी नहीं आता. यहां तक कि कुछ श्रेणी में जो अपराध दर्ज होते हैं वो झूठे भी पाए जाते हैं. उसके बावजूद भी थाना स्तर पर लोग रिपोर्ट दर्ज करने में कोई मना नहीं करता है. वो एक स्थिति है कि रजिस्ट्रेशन हमारे यहां हैं. इसलिए अभी जब अपराधों में स्टैटिक्स देख रहे थे. तो हमने ये भी देखा कि न्यायालय के द्वारा दर्ज करे हुए अपराधों में भी कमी आई है. तो उससे एक तो ये स्पष्ट होता है, थानों में रिपोर्ट दर्ज कराने में दिक्कत नहीं आ रही है. लोगों को अदालत कम जाना पड़ रहा है, अपना केस दर्ज कराने में. फिर जो नए अपराधी कानून जो गत वर्ष से शुरू हुए, उसमें अब जीरो FIR की भी व्यवस्था की गई है. जिस रिपोर्ट को आप करना चाहते हैं तो आप नजदीकी थाने से भी दर्ज करा सकते हैं. और थाने की जिम्मेदारी है कि वो उसको संबंधित थाने में प्रेषित करें. यहां तक अब उसमें भारत सरकार ये कर रही है कि वो अगर दूसरे प्रदेश से भी संबंधित है. तो उसकी ट्रांसलेट करके भेजने की भी व्यवस्था की जा रही है. तो रजिस्ट्रेशन देखेंगे तो उसको बहुत सुगम बनाने की कोशिश की जा रही है. कि कोई व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक FIR दे सकता है. और तीन दिन में जाकर के थाने में उसको वेरीफाई कर देगा. साइन कर देगा तो वो FIR में कन्वर्ट हो जाएगा. तो अब अपराध कम होने की बात जो आती है, तो उसमें पुलिस का अनुसंधान का जो तरीका है अपराधियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई करना, उनको अधिक से अधिक सजा दिलवाने की कोशिश करना. लगातार जैसे आपने देखा होगा गत समय में एंट्री गैंगस्टर टास्क फोर्स बनाई गई राजस्थान में. एंट्री नारकोटिक्स फोर्स बनाई गई, तो ये जो स्पेशलाइज्ड हमारी यूनिट्स हैं. उन्होंने अपराधियों पर अंकुश लाने के लिए बहुत सक्रियता से काम किया. बहुत सारे अब अपराधी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की है. जो इनका सहयोग कर रहे थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की है. तो उसी का ये नतीजा है कि समय दर समय इन अपराधों में कमी आई है. 

महिला अपराधों में 20% गिरावट, पुलिस की नई रणनीति का असर 

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि महिला अपराध राज्य सरकार की बहुत बड़ी प्राथमिकता है. महिलाओं के प्रति अपराध किस तरह से कम हों ? और कैसे हम उनको बेहतर सुरक्षा प्रदान कर सकें. तो उसके लिए आपने देखा होगा कि महिलाओं की संख्या लगातार पुलिस पुलिस बल में बढ़ाई जा रही. उनको प्रेरित किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा इसमें आएं. तो एक तो उसमें फर्क पड़ता है कि जो संवेदनशीलता है. हमारे थानों में आज से पहले जब हमने ज्वॉइन किया था तो इक्का-दुक्का महिला पुलिसकर्मी थी, जो पुलिस में होती थीं और अब प्रत्येक थानों में आपको एक समुचित नंबर है जो दिखते हैं. तो एक तो उससे फर्क आया है कि महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता हमारे थाना में बढ़ी है. और साथ ही साथ महिलाओं में भी यह साहस बढ़ता है कि जब वहां जाकर के देखते हैं कि उनकी कोई महिला सुनने के लिए तैयार है तो एक तो इससे फर्क पड़ रहा है. और दूसरा महिला जो डेस्क बनाई गई, फिर क्राइम अगेंस्ट वूमेन की स्पेशल यूनिट बनाई गई. हर जिले में एक एडिशनल एसपी रैंक का अधिकारी है. जो महिलाओं के प्रति अपराध होते हैं उनकी मॉनिटरिंग करता है. राज्य स्तर पर PHQ में एक सिविल राइट्स में एक ADG स्तर पर महिला अपराधों के लिए विशेष रूप से उनकी सुपरविजन करते हैं. तो इसको लेकर कई स्तरों पर विशेष व्यवस्था की गई है ताकि इस पर हमारा फोकस बना रहे. 

महिला अपराध की शिकायत कहाँ करें ? DGP Rajeev Sharma ने दूर किया कन्फ्यूजन

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि उसमें हमारी तरफ से यह नहीं है कि आपको महिला थाना ही जाएंगे. तभी आपकी रिपोर्ट दर्ज होगी, जो दहेज हत्या संबंधी प्रकरण है उसको हम कोशिश करते हैं कि वह महिला थाने में ही रजिस्ट्रेशन हो और उनका सुपरविजन हो. उनके अन्वेषण में एकरूपता बनी रहे, लेकिन रूटीन में जो अन्य महिला अपराध हैं उसमें जो भी संबंध नजदीकी थाना है उसमें प्रकरण दर्ज कर सकते हैं. आपके जो नजदीक का थाना है सबसे पहले वहीं जाने की जरूरत है वहीं पर ही उसका निस्तारण होगा, यदि ऐसा एस महसूस होगा कि इस पर्टिकुलर केस में महिला थाना में अनुसंधान किया जाना बेहतर होगा तभी उसको कहा जाता है कि आप शिफ्ट करें. 

राजस्थान में गैंगस्टरों पर बुलडोजर एक्शन? DGP Rajeev Sharma का बड़ा बयान

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि गैंगस्टर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. और उन्होंने यदि अपराध किया है और उसके माध्यम से कोई संपत्ति अर्जित की है तो उसकी जब्ती और उसको उसका लाभ न मिले इसके लिए पुलिस को कार्य करना अनिवार्य भी हो गया है. क्योंकि नए जो कानून लागू हुए हैं उसमें न्याय संहिता में यह भी एक प्रावधान है. कि अपराधियों की अपराध के द्वारा अर्जित की गई संपत्ति को कोर्ट के माध्यम से सीज किया जा सकता है तो Already आपने देखा होगा कि गत समय में इस तरह की कार्रवाइयां राजस्थान में पुलिस ने शुरू की है. और साथ ही साथ जब भी हम इस तरह से कोई केस होता है तो यह भी देखा जाता है. कि उस व्यक्ति की कोई ऐसी संपत्ति, जिसका अवैध तरीके से निर्माण किया हुआ या गैर कानूनी तरीके से उसने कोई कंस्ट्रक्शन किया हुआ है. तो जैसी स्थिति हो उसके अनुसार स्थानीय प्रशासन को सहयोग देकर फिर नियमानुसार वह कार्रवाई करने का भी उसमें प्रावधान रखा गया है. 

एनकाउंटर पर कोई समझौता नहीं!  राजस्थान पुलिस का सख्त संदेश

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि इसमें सीधा सा है कि जिस तरह का अपराधी है और वह जिस तरह का दुस्साहस दिखता है तो हमारे को कम एक्शन नहीं लेना चाहिए. यदि कोई अपराधी है और वो आर्म्ड है और हमारे ऊपर अगर वो आक्रामक है. तो फिर हमें उसमें कोई सोच विचार करने की जरूरत नहीं है. उसमें हमारा रिस्पांस उससे कम नहीं होना चाहिए, फेक एनकांउटर नहीं होना चाहिए. इसमें कोई सुनियोजित तरीके से कार्रवाई की बात नहीं है. परंतु अगर कोई अपराधी ऐसा है जो आर्म्ड है और आपके ऊपर आक्रमण कर सकता है. या ऐसा कुछ प्रयास करता है और उसमें यदि आपकी लाइव कोई सिचुएशन आती है. तो हमारे अधिकारियों को उसमें कोई कमजोरी नहीं दिखानी होती है. उसमें हमारा जो रिस्पांस है वह सख्त से सख्त होना चाहिए. क्योंकि नहीं करेंगे तो उसमें हमारा ही नुकसान होने की संभावना ज्यादा है. 

MD ड्रग्स और नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर DGP Rajeev Sharma की बड़ी तैयारी

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि इसमें सबसे पहले तो हमने जो हमारी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स थी उसको हमने मजबूत किया है, अभी हमने उसमें काफी लोगों की तैनाती की है. और राज्य में 16 स्थान पर उनकी चौकी स्थापित की है. और उसमें एक IG स्तर के अधिकारी को सिर्फ ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैनात किया. और उनके नीचे टीम उपलब्ध कराई जा रही है साथ ही साथ राज्य सरकार से भी इस संबंध में और मजबूत करने के लिए संसाधन भी प्राप्त किये जा रहे है. एक तो प्रयास यह है कि जहां-जहां अभी जिन जिलों में इस तरह की समस्या ज्यादा प्रबल है. उसमें हमारी कार्रवाई ठोस हो और सिर्फ पकड़ने तक सीमित ना हो. उसके सोर्स तक जाकर हम कार्रवाई करें. अभी आपने देखा होगा कि गत समय में बहुत बड़ी कार्रवाई हुई है. यहां तक की बाहर से भी अपराधियों को चिन्हित किया गया, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. उनकी संपत्तियां भी जप्त की जा रही हैं, आपने झालावाड़ का नाम लिया इसी तरह से प्रतापगढ़ में भी कार्रवाई हुई और न केवल अपराधियों को गिरफ्तार किया गया बल्कि उनकी संपत्तियों को भी जप्त करने की कार्रवाइयां की जा रही हैं. साथ ही साथ जो इसमें अवेयरनेस की बहुत आवश्यकता है. खास तौर से स्कूल कॉलेज में और इवन जो पेरेंट्स हैं उनका इसमें बहुत बड़ा योगदान हो सकता है. उसके लिए हम अलग से यही यूनिट इसका एक मैंडेट यह भी है. कि इस बारे में अवेयरनेस भी करें तो उसके लिए यह पृथक रूप से कार्य कर रही है. उसमें मैं चाहूंगा कि इसमें जो और समाजसेवी संस्थाएं हैं वह भी अगर इसमें हमारा साथ देंगे. तो यह कार्य और बेहतर हम कर सकेंगे. 

आबकारी विभाग के साथ पुलिस का पूरा सहयोग: DGP Rajeev Sharma

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि ये आबकारी विभाग से संबंधित कार्य है, तो इसमें उनके द्वारा कार्रवाई की जाती है लेकिन, पुलिस का इसमें पूरा-पूरा सहयोग है, जहां-जहां भी इस तरह की कोई शिकायत आती है. तो उसमें हमारे स्तर से जो संबंध है, वह हम करते हैं. बाकी आबकारी विभाग को हमारा पूरा सहयोग है और आगे भी रहेगा. इसमें अगर कोई गलत तरीके की कार्रवाई होती है. तो उसमें हमारे पुलिस अधिकारियों को इसमें डायरेक्शन है की पूरी मदद करें. 

दुकानें,होटल और रेस्टोरेंट कब खुलेंगे? राज्य सरकार बनाती है नियम 

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि पुलिस का इसमें रोल यह है कि जो भी समय निर्धारित किया गया है इन सब व्यावसायिक संस्थानों को ऑपरेट करने का उसकी पलना करें. तो यह डिपेंड करता है कि राज्य सरकार द्वारा क्या समय सीमा निर्धारित की गई है ? किसी दुकान के खुले रखने की, इसमें राज्य सरकार के स्तर पर निर्धारित किया जाता है. कि दुकानों के खुलने का क्या समय होगा, होटल रेस्टोरेंट के बंद होने का क्या समय होगा ? तो उसमें यह पॉलिसी मेकिंग है, वह वहां से डिसाइड होती है. 

हर शहर का अपना कल्चर, नाइट लाइफ पर बोले DGP Rajeev Sharma

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि इसमें एक स्थान के कल्चर पर डिपेंड करता है कि ट्रेडिशनल उसा स्थान का कल्चर कैसा रहा है ? तो अलग-अलग शहरों के अलग-अलग कल्चर हैं, आप गुड़गांव की बात करते हैं. गोवा की बात करते हैं, मुंबई की बात कर सकते हैं या विदेश की बात कर सकते हैं. तो कई चीज उसके साथ आ जाती हैं कि वहां पर किस तरह का कल्चर है ? वहां पर किस तरह का डिसिप्लिन है कि तरीका सेल्फ डिसिप्लिन है तो बहुत सारी चीजों के लिए वहां के लोग उस तरह के लिए माहौल के लिए किस तरह से तैयार हैं ? किस तरह से उनका रिक्वॉयरमेंट्स है, आपको सिर्फ टूरिस्ट का ही नहीं सोचना है आपको स्थानीय नागरिकों की सुविधाओं का भी सोचना होता है. तो यह एक बैलेंस बनाकर ही निश्चित हो सकती है कि वहां का स्थानीय कल्चर कैसा है ? वहां के लोकल लोगों का उनकी किस तरह की डिमांड्स है, उनको कैसे व्यवस्था चाहिए. और फिर आता है टूरिस्ट कि हम टूरिस्ट को भी इनकरेज करना चाहते हैं. तो यह सब एक बैलेंस बनाने की बात है तो उसमें ट्यूरिज्म डिपार्टमेंट के साथ अगर किसी के सुझाव हैं तो उनको लेकर हम टूरिज्म डिपार्टमेंट के साथ और राज्य के अन्य विभागों के साथ इस पर चर्चा करके नीति निर्धारित कर सकते हैं. 

भारतीय न्याय संहिता, साक्ष्य संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता कानूनों पर बोले DGP Rajeev Sharma

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि इसमें एक तो सभी जो हैं नए प्रावधान हैं न्याय संहिता के उनके बारे में सबका एक बार प्रशिक्षण हुआ है. और अब उनका रिफ्रेशर कोर्स भी शुरू किया गया हैं. और जो समय सीमा की बात हम करते हैं तो उसमें जो न्याय संहिता है इनमें मुख्य जो फोकस है वह डिजिटल एविडेंस और फॉरेंसिक इस्तेमाल का है. उसके पीछे दो कारण हैं, पहला कारण यह है कि अगर डिजिटल और फॉरेंसिक की एविडेंस अच्छी है किसी केस में तो आपके एक सॉलिड एविडेंस है, ये जिसको काटना मुश्किल है दूसरा-अगर ऐसी एविडेंस आपके पास है, तो बहुत सारी आपको ओरल एविडेंस की. आपको फिर गवाहों आवश्यकता नहीं होगी, तो आपके गवाहों की संख्या कम की जा सकती है. यदि आपने इसमें डिजिटल और फॉरेंसिक एविडेंस लिए हैं. तो इसलिए आप देख रहे होंगे कि जैसे-जैसे यह समय बीत रहा है. फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की संख्या बढ़ाई जा रही है, फॉरेंसिक वाहनों की संख्या बढ़ाई जा रही है. पुलिस में भी हम अभी सीन ऑफ क्राइम ऑफिसर्स तैयार कर रहे हैं, उसका एक महीने का प्रशिक्षण है. तो नेशनल फॉरेंसिक साइंस के साथ बैठकर के हमने एक मॉड्यूल तैयार किया है. जो BP R&D, नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, FSL और राजस्थान पुलिस इन चारों ने मिलकर यह कार्यक्रम शुरू किया है. लगभग 100 हमारे थानों से विभिन्न लोग इसमें ट्रेनिंग ले रहे हैं. और इसके बाद इनको सीन ऑफ क्राइम ऑफिसर कोशिश है कि हर थाने में ऐसे दो व्यक्ति हों, जिनको अनुभव हो थोड़ी जानकारी हो. 
कि किस तरह से फॉरेंसिक डिजिटल साक्ष्य को कलेक्ट करना है ? तो जैसे-जैसे इसका इस्तेमाल बढ़ेगा, समय सीमा में रिजल्ट आएगा. दूसरा अब समय सीमा सिर्फ इन्वेस्टिगेशन कि नहीं है. बल्कि न्यायालय में भी इस तरह से लाई गई है. तो उसमें भी आपको यह असर देखने को मिलेगा. जब तेजी से भी न्यायालय से प्रकरण डिसाइड होना शुरू होंगे. 

कैमरे और तकनीक से अब ट्रैफिक उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई: DGP Rajeev Sharma

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि ट्रैफिक ऐसी चीज है, जिसका आम आदमी हर दिन सामना करता है और कुछ हद तक पुलिस के कार्य के बारे में उसकी धारणा भी बनती है तो उसके लिए बहुत बड़ा चैलेंज है, हमारे लिए यह सही बात है और जिस तरह से पिछले वर्षों में वाहनों की संख्या बढ़ी है उतना ही उस अनुपात में शायद सड़कों का ओवर ब्रिज या फ्लाईओवर्स, सब-वे हैं उनकी संख्या में शायद इतनी वृद्धि नहीं हो पाई तो उसी के कारण आप देखते हैं कि सड़कों पर बहुत दबाव बढ़ रहा है तो उस स्थिति में हमारे लोगों को भी दबाव महसूस हो रहा है. इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि कुछ तो हम अपना संख्या बल बढ़ाएं साथ ही जो तकनीक है, उसका इस्तेमाल करने की हम कोशिश कर रहे हैं क्योंकि जो मानसिकता है कि अगर ट्रैफिक पुलिस सिपाही चौराहे पर नहीं है तो मैं उसको रेड लाइट की पालना करने में तौहीन समझता हूं तो इसलिए हमें इन्फॉर्म एनफोर्समेंट भी बढ़ता है, लोग भी बढ़ाने हैं. लेकिन साथ ही साथ हम अब जो इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से और कैमरों के माध्यम से अब इसकी संख्या बढ़ाई जा रही है कि लोगों का वायलेशन है, वह पकड़ में आए, ज्यादा से ज्यादा कैमरे के माध्यम से और उसमें सख्त कार्रवाई हो, एक तो यह और दूसरा यह कि फिजिकल इंप्रूवमेंट्स की जहां गुंजाइश है. जहां पर स्लिप लेन बढ़ने से फायदा हो सकता है, या कहीं कट ठीक करने की आवश्यकता है या छोटी-छोटी चेंजेस करने से उसमें हो सकता है कि उसमें भी सर्वे करवा करके जेडीए के साथ मिलकर जैसे जयपुर में हो तो उसके लिए कोशिश की जा रही है और अगर आपने जयपुर से बाहर निकल करके देखा हो तो सामने लेन ड्राइविंग की शुरुआत करवाई है उसमें जो नेशनल हाईवे हैं, उसमें जो भारी वाहन हैं वह सड़क के बाईं ओर लेन में चले तो उसको भी हम देख रहे हैं अगर उस पर भी लगातार फोकस आएगा, ताकि उसे भी एक डिसिप्लिन सड़कों पर आएगा और जो 1 घंटे 2 घंटे अगर कोई डिसिप्लिन में चलता है तो वह अनकॉन्शियसली उसके नेचर में आ जाता है. आदत में आ जाता है तो इस हाईवे पर और शहरों में डिसिप्लिन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. 

DGP ने बताया Rajasthan Police के आधुनिकीकरण का बड़ा प्लान

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल एक बहुत बड़ी चीज है जो आने वाले समय में हमारी नई पुलिस होगी, विकसित भारत की जो पुलिस होगी. तो इस संबंध में बहुत बड़े स्तर पर भी इसमें विचार चल रहा है. और इसमें कम से कम 10 चीजों पर फोकस किया जा रहा है, 10 कैटिगरीज में काम हो रहा है इसमें पुलिस को संसाधन बढ़ाने के साथ-साथ उनकी कैपेसिटी बिल्डिंग या उनका ओरिएंटेशन भी बदलने की बात है, और जितनी नई तकनीक है. जैसे SI और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके कहां-कहां पर हम अपने काम में तेजी ला सकते हैं. कहां-कहां पर हम प्रिडिक्टिव पुलिसिंग बढ़ा सकते हैं, तो वह सब भी इसमें शामिल है. तो उसी के अनुरूप राजस्थान पुलिस भी अपना एक प्लान तैयार कर रही है. जो आपने विकसित भारत राजस्थान वाला जो प्लान देखा है. उसके सिर्फ ब्रॉड पैरामीटर्स ही आपको दिखाई देंगे जो होम डिपार्टमेंट के संबंधित हैं. लेकिन उसका एक डिटेल प्लान भी हम तैयार कर रहे हैं. जिसके लिए चाहे वह केंद्र सरकार का मॉडर्नाइजेशन फंड है. उसके माध्यम से और राज्य सरकार से आगामी बजट में आएंगे. उसको लेकर के हम धीरे-धीरे अपना ना केवल इंफ्रास्ट्रक्चर इंप्रूवमेंट कर रहे बल्कि लोगों की मानसिकता में भी परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे हैं. 

राजस्थान पुलिस में नई भर्ती! DGP Rajeev Sharma ने बताया कब शामिल होंगे नए जवान

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि अभी 10,000 की भर्ती चल रही है हम कोशिश कर रहे हैं कि जनवरी से हम इन लोगों को अपने बेड़े में शामिल कर पाएं. जो एग्जाम हुआ था, उसका रिजल्ट भी अब आना शुरू हो गए हैं. काफी यूनिट्स के रिजल्ट्स Already निकलने शुरू हो चुके हैं. तो वह हमारे पुलिस बल में जनवरी में उम्मीद करते हैं कि 10,000 लोग शामिल होंगे. इसके बाद फिर इस बीच में कुछ प्रमोशन हमारे रुके हुए थे. उसको हमने काफी तेजी लाने की कोशिश की है और अब जो वैकेंसीज बची हुई हैं. उसके लिए हम राज्य सरकार से अब रिक्वेस्ट करेंगे कि अगर बजट में हमें कुछ और वैकेंसीज को भरने के लिए अनुमति प्राप्त हो. 

राजस्थान में अपराध की सूचना DGP तक कितनी जल्दी पहुंचती है?

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि नॉर्मली तो बहुत जल्दी ही मिल जाती है क्योंकि जहां भी कोई घटना होती है, वहां SP को तुरंत रिपोर्ट होती है. कंट्रोल रूम से और एक हमारे यहां एक स्टेट कंट्रोल रूम की व्यवस्था है, उसके माध्यम से या फिर टेलीफोन के माध्यम से नॉर्मली जो भी घटनाएं होती हैं उनकी सूचना मिल जाती है. 

फर्स्ट इंडिया न्यूज़ का नेटवर्क सबसे मजबूत...मीडिया की भूमिका पर बोले DGP Rajeev Sharma 

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि फर्स्ट इंडिया हो या ओवरऑल मीडिया, आप लोगों का भी जो नेटवर्क है बहुत अच्छा है. हम तो चाहते हैं कि उसका सहयोग हम लोगों को मिलता रहे. तो बहुत सारी ऐसी चीज हैं, जो शायद हम तक और तरीके से नहीं पहुंचे. वह आपके माध्यम से पहुंच सकती हैं. इसलिए मीडिया से तो हम हमेशा यही रिक्वेस्ट करते हैं कि आप अपनी न्यूज़ के तरीके से जो भी इनफॉर्मेशन कलेक्ट करते हैं हो सकता है, वो सब आपके लिए न्यूज कैटिगरी में ना आए कि यह हेडलाइन लायक है या नहीं है, लेकिन हो सकता है वह हमारे लिए इंपॉर्टेंट हो तो आप और आपके साथियों से तो मेरा यही अनुरोध है कि आपका जो नेटवर्क है उसके माध्यम से अगर आप पुलिसिंग में भी सूचना देंगे तो हमारा काम और अच्छा होगा. 

पुलिस आपकी मित्र है...DGP Rajeev Sharma का आमजन को खास संदेश

DGP राजीव शर्मा ने कहा कि आम जनता से मेरा यही अनुरोध है कि पुलिस आपकी मित्र है. कैसी भी आपकी कठिनाई हो उसमें हमारा प्रयास ही रहता है कि हम मदद कर सकें. तो उसमें हमारे ऊपर विश्वास रखें, हमसे जुड़ें. जितना जनता पुलिस से जुड़ेगी, उतना हमारा काम और निखरेगा. उतना हम लोगों में और उत्साह आएगा. आपने देखा होगा कि पुलिस ने कोरोना टाइम में भी किस तरह से काम किया. और जनता ने भी उसको बहुत मन से सराहा, तो पुलिस वही थी जो कोरोना काल से पहले थी. और जो कोरोना काल के समय थी और वही पुलिस अभी है. तो जिस पुलिस पर आपने कोरोना काल में फूल बरसा करके स्वागत किया. उन पर भरोसा किया, उनके कार्य को सराहा, तो वही पुलिस आज भी है. और यही मैं अपने पुलिस साथियों से कहता हूं कि हमारे साथियों ने यह महसूस किया है. कि थोड़ा भी हम अच्छा काम करते हैं तो पुलिस के कार्य को लोग सराहते हैं. और मीडिया ने भी उसको बहुत सराहा और हर स्तर पर उसकी प्रशंसा हुई. तो वह वही लोग हैं, वही हम 2020-21 में थे, वही हम 2025 में हैं. तो अब क्यों नहीं हमारे काम को लोग सराहेंगे, अगर हम अच्छा काम करेंगे तो सराहेंगे.