खट्टर नीत सरकार को बिना शर्त 7 में से 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन: रंजीत सिंह चौटाला

खट्टर नीत सरकार को बिना शर्त 7 में से 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन: रंजीत सिंह चौटाला

चंडीगढ़ : हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) के बीच मतभेद के संकेतों के बीच राज्य के ऊर्जा मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने दावा किया है कि मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को सात में से छह निर्दलीय विधायकों का समर्थन 'बिना शर्त' बना रहेगा.

कुछ दिन पहले निर्दलीय विधायकों के साथ की बैठक:

भाजपा और जजपा इस बात पर स्पष्ट नहीं हैं कि वे इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव और 2024 का लोकसभा चुनाव एकसाथ लड़ेंगे या नहीं और उनके नेता एक-दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं. त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने कुछ दिन पहले निर्दलीय विधायकों के साथ बैठक की थी, जिसके बाद इसको लेकर अटकलें तेज हो गईं थी कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी या नहीं.

समर्थन बिना शर्त और पूरे पांच साल का कार्यकाल:

चौटाला निर्दलीय विधायक हैं. उन्होंने पांच अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भरोसा दिया. उपमुख्यमंत्री एवं जजपा नेता दुष्यंत चौटाला, मंत्री के रिश्ते में पोते हैं. मंत्री ने पीटीआई-भाषा कहा कि हमारा समर्थन बिना शर्त और पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए है. रंजीत चौटाला पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे हैं.

7 में से 6 निर्दलीय करते भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन:

पिछले साल के उपचुनाव में आदमपुर सीट जीतने के बाद 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास वर्तमान में 41 सीटें हैं. वहीं, कांग्रेस के पास 30 सीटें और जजपा के पास 10 सीटें हैं, जबकि सात में से छह निर्दलीय भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करते हैं. इन निर्दलीयों में एक-एक सदस्य इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) और हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) का है.

एचएलपी भी कर रहे खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन: 

विधायक गोपाल कांडा के नेतृत्व वाली एचएलपी भी खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन कर रही है. 2019 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारी से इनकार करने के बाद रंजीत चौटाला निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे और सिरसा की रानिया सीट से जीत हासिल की.

ऊर्जा मंत्री ने बताया दोनों पार्टियों का आंतरिक मामला:

रंजीत चौटाला ने कहा कि खट्टर हमेशा निर्दलीय विधायकों द्वारा दिए गए सुझावों और प्रतिक्रिया को सुनते हैं और 'हमेशा उनका समर्थन' करते हैं. यह पूछे जाने पर कि भाजपा और जजपा भविष्य में एकसाथ चुनाव लड़ने पर अनिच्छुक क्यों हैं, इस पर ऊर्जा मंत्री ने इसे दोनों पार्टियों का आंतरिक मामला बताया. इस बीच, हाल में देब से मुलाकात करने वाले निर्दलीय विधायकों में शामिल सोमबीर सांगवान ने कहा कि जजपा के साथ गठबंधन जारी रहने से भाजपा को नुकसान हो रहा है.

भाजपा को स्थिर सरकार के लिए जजपा की जरूरत नहीं:

सांगवान ने दावा किया कि भाजपा को स्थिर सरकार के लिए जजपा की जरूरत नहीं है क्योंकि उसे ज्यादातर निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. एचएलपी प्रमुख गोपाल कांडा ने भी कहा है कि भाजपा को स्थिर सरकार के लिए जजपा के समर्थन की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी शुरू से ही खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दे रही है.

दोनों दलों के नेताओं ने हाल में एक-दूसरे पर कटाक्ष किया:

भाजपा ने 2019 में बहुमत हासिल करने में विफल रहने के बाद हरियाणा में सरकार बनाने के लिए जजपा से हाथ मिलाया था और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. हालांकि, दोनों दलों के नेताओं ने हाल में एक-दूसरे पर कटाक्ष किया है और देब ने कहा था कि जजपा ने भाजपा को समर्थन देकर कोई एहसान नहीं किया है क्योंकि क्षेत्रीय पार्टी भी सरकार में शामिल हुई है.

शाह ने की हरियाणा के लोगों से अपील:

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल में सिरसा में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए हरियाणा के लोगों से अपील की थी कि वे एक बार फिर राज्य की सभी 10 संसदीय सीटें मोदी सरकार को दें, ताकि देश दुनिया में नंबर एक बने और नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी.

चौटाला ने निभाई सिरसा रैली की सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका:

सिरसा जिले के रानिया से विधायक रंजीत चौटाला ने सिरसा रैली की सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. रैली के बाद शाह रंजीत के सिरसा स्थित आवास पर भी गए थे और चाय पी थी. रंजीत चौटाला ने कहा कि शाह साहब का मेरे घर आना और हमारे साथ चाय पीना सम्मान की बात है. सोर्स भाषा