जयपुर: अगस्त के शुरुआती दो दिन शिव पूजा के लिए खास रहेंगे. इनमें पहली तारीख को प्रदोष यानी तेरहवीं तिथि रहेगी. इसके अगले दिन चतुर्दशी यानी सावन की शिवरात्रि होगी. शिव पुराण के मुताबिक ये दोनों तिथियां शिव पूजन के लिए बेहद खास मानी जाती हैं. इन तिथियों में जल और दूध से शिवलिंग की पूजा-अभिषेक करने से बीमारियां दूर होती हैं और उम्र भी बढ़ती है. हर तरह की परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है. इन दिनों में शिव पूजन करने से महापूजा करने जितना पुण्य मिलता है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि अगस्त का महीना हर साल की तरह इस साल भी ढेरों बड़े तीज-त्योहारों से लेकर आ रहा है. इनमें सावन शिवरात्रि, हरियाली अमावस्या, सावन सोमावार, हरियाली तीज, नाग पंचमी और रक्षाबंधन आदि प्रमुख हैं. इसके अलावा, अगस्त महीने में पुत्रदा और अजा एकादशी, प्रदोष व्रत, कालाष्टमी समेत कई प्रमुख व्रत त्योहार मनाए जाएंगे. वहीं, सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो चुका है जो कि 19 अगस्त तक चलेगा. इसी महीने सावन माह का अंत श्रावणी पूर्णिमा के साथ होगा और भाद्रपद माह की शुरूआत होगी. भादौ माह 20 अगस्त को शुरू हो रहा है. इसके अलावा इसी महीने सावन के तीन सोमवार पड़ेंगे. 5 अगस्त, 12 अगस्त और 19 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार होगा.
ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सावन के महीने में कई मुख्य त्योहार पड़ते हैं. मुख्य रूप से सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है. इस दौरान शिव भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के कार्य करते हैं. वहीं, सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है. जो कि माता पार्वती को समर्पित होता है. अगस्त के महीने रक्षाबंधन, नागपंचमी, हरियाली तीज जैसे त्योहार मनाए जाते हैं
ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि प्रदोष तिथि यानी 1 अगस्त को व्रत रखें. इस दिन सूर्योदय के वक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए. साथ ही शाम को सूर्यास्त के वक्त शिवजी की विशेष पूजा करनी चाहिए. इस दिन सुबह-शाम शिवलिंग पर बिल्व पत्र और सफेद फूलों की माला चढ़ाएं. साथ ही घी का दीपक लगाएं. मिट्टी के मटके में दूध और पानी भरकर शिव मंदिर में दान करें. सावन शिवरात्रि यानी शिव चतुर्दशी 2 अगस्त को है. इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करनी चाहिए. इस दिन मां पार्वती को सौभाग्य सामग्री यानी 16 श्रंगार चढ़ाए जाते हैं. जिससे परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. इस पर्व पर रात के चारों प्रहर में पूजा करने की परंपरा भी है. यानी सूर्यास्त के बाद हर 3 घंटे में शिव-पार्वती पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है.
शिव पूजा से दूर होती है परेशानियां
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सावन महीने में शिवलिंग पर पानी का कलश या घड़ा स्थापित किया जाता है. माना जाता है कि जैसे घड़े से पानी की बूंद-बूंद शिवलिंग पर गिरती है, उसी तरह परेशानियां भी पानी की तरह बहकर दूर हो जाती है. साथ ही इस महीने में शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की परंपरा भी है. ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए इन दो दिनों में शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए.
मिलता है शिव पूजा का फल
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सावन महीने में प्रदोष और शिव चतुर्दशी पर सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद भगवान भोलेनाथ का जल और दूध से अभिषेक करने की परंपरा है. साथ ही फलों के रस से भी अभिषेक करना चाहिए. शिव पुराण में बताया गया है कि फलों के रस से शिवजी का अभिषेक करने से हर तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियां दूर होती हैं. इसके बाद शिवलिंग पर मदार, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाना चाहिए. साथ ही शिवजी को मौसमी फलों का भोग लगाएं और इन दो दिनों तक व्रत रखें. इससे शिव महापूजा का फल मिलता है.
अगस्त के तीज त्योहार
1 अगस्त 2024 (गुरुवार) - गुरु प्रदोष व्रत (कृष्ण)
2 अगस्त 2024 (शुक्रवार) - सावन शिवरात्रि
4 अगस्त 2024 (रविवार) - श्रावण अमावस्या, हरियाली अमावस्या
5 अगस्त 2024 (सोमवार) - तीसरा सावन सोमवार
6 अगस्त 2024 (मंगलवार) - मंगला गौरी व्रत
7 अगस्त 2024 (बुधवार) - हरियाली तीज
8 अगस्त 2024 (गुरुवार) - विनायक चतुर्थी
9 अगस्त 2024 (शुक्रवार) - नाग पंचमी
10 अगस्त 2024 (शनिवार) - कल्कि जयंती
11 अगस्त 2024 (रविवार) - तुलसीदास जयंती
12 अगस्त 2024 (सोमवार) - चौथा सावन सोमवार
13 अगस्त 2024 (मंगलवार) - मंगला गौरी व्रत
16 अगस्त 2024 (शुक्रवार) - श्रावण पुत्रदा एकादशी, सिंह संक्रांति, वरलक्ष्मी व्रत
17 अगस्त 2024 (शनिवार) - शनि प्रदोष व्रत (शुक्ल)
19 अगस्त 2024 (सोमवार) - रक्षा बंधन, श्रावण पूर्णिमा व्रत, पांचवा सावन सोमवार,
20 अगस्त 2024 (मंगलवार) - भाद्रपद माह शुरू
22 अगस्त 2024 (गुरुवार) - संकष्टी चतुर्थी, कजरी तीज, बहुला चौथ
24 अगस्त 2024 (शनिवार) - बलराम जयंती
25 अगस्त 2024 (रविवार) - शीतला सप्तमी
26 अगस्त 2024 (सोमवार) - जन्माष्टमी
27 अगस्त 2024 (मंगलवार) - दही हांडी
29 अगस्त 2024 (गुरुवार) - अजा एकादशी
31 अगस्त 2024 (शनिवार) - प्रदोष व्रत (कृष्ण)