जयपुर : दवा के सेवन से किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है. चिकित्सा विभाग के आलाधिकारियों ने "केस-टू-केस" रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार भरतपुर के कलसाडा निवासी 30 वर्षीय मोनू जोशी की तबीयत बिगड़ी थी. 25 सितंबर, 2025 को खांसी-जुकाम व बुखार होने पर मोनू सीएचसी कलसाडा आए थे.
चिकित्सक ने उन्हें अन्य दवाओं के साथ Dextromethorphan HBr Syrup लिखी थी. मोनू जोशी ने अपने तीन वर्षीय पुत्र गगन को जुकाम व निमोनिया होने पर ये दवा दे दी. गगन की तबीयत ज्यादा खराब होने पर वे तुरंत चिकित्सक डॉ.अशोक जैन के पास महुआ लेकर गए.
डॉ.अशोक जैन ने मरीज की गंभीर अवस्था को देखते हुए उसे जेके लोन रैफर कर दिया. 25 सितंबर को ही दोपहर 2 बजे गगन को जेके लोन हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. मरीज की स्थिति में सुधार होने पर उसे 27 सितंबर को डिस्चार्ज कर दिया गया. भरतपुर में तीन भाई बहनों में से एक की मौत को लेकर विभाग की रिपोर्ट में खुलासा किया है.
18 सितंबर 2025 को नहनी उम्र 50 साल उप केन्द्र, मलाह पर दिखाने आई थी. जिसे उप केन्द्र स्तर की पीसीएम दवाई दी गई थी. जिस बच्चे सम्राट की मौत होना खबर में प्रकाशित हुआ है वो पहले से निमोनिया से ग्रसित था. उसे भरतपुर से जयपुर रैफर किया गया था, सम्राट की मृत्यु 22 सितंबर को हुई थी. वहीं सीकर के ग्राम खोरी के नित्यांश की मृत्यु के संबंध में रिपोर्ट आई.
7 जुलाई बच्चे को बुखार-जुकाम की शिकायत पर सीएचसी चिराना,झुंझुनूं में दिखाया गया था. रोगी की पर्ची में सिरप डैक्ट्रमैथोरफन नहीं लिखी गई थी. 28 सितंबर को रात्रि 9 बजे बच्चे को फिर हल्की खांसी की शिकायत हुई. तो पहले से घर में रखी डैक्स्ट्रोमैथोरफन 5 एमएल कफ सिरप माता ने बच्चे को दी थी.
29 सितंबर को रात्रि 2 बजे बच्चे ने पानी पीया और सो गया, लेकिन सुबह बच्चा बेसुध मिला. बच्चे को राजकीय श्री कल्याण अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस प्रकार दोनों ही बच्चों की मौत के मामले में चिकित्सक द्वारा डैक्स्ट्रोमैथोरफन दवा नहीं लिखी गई है.