जयपुरः सच्चे मायने में कहा जाए तो राजस्थान म्यूजियम ऑफ मिनरल्स है. देश के महत्वपूर्ण मिनरल्स के उपलब्ध डिपोजिट के आधार पर राजस्थान का अनेक मिनरल्स के क्षेत्र में तो एकाधिकार है. ऐसे में खनिज खोज कार्य को गति देना आज की आवश्यकता है. राजस्थान देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल होने जा रहा है जो क्रिटिकल और स्ट्रैटेजिक मिनिरल डिपॉजिट्स के डाटा को पब्लिक डोमेन में केंद्र राज्य और निजी एक्सप्लोरेशन एजेंसीज के साथ साझा करेगा. प्रमुख सचिव माइंस, जियोलोजी एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने कहा है कि भूविज्ञान, आरएसएमईटी के साथ ही जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, एमईसीएल सहित एक्सप्लोरेशन संस्थाओं द्वारा चिन्हित क्रिटिकल व स्ट्रेटेजिक मिनरल डिपोजिट्स का अध्ययन डेटा 31 जनवरी तक पब्लिक डोमेन पर केन्द्र व राज्य की एक्सप्लोरेशन संस्थाओं के साथ ही एनपीईएज व पीईएज संस्थाएं से साझा किया जाएगा ताकि राजकीय के साथ ही निजी क्षेत्र की अधीकृत संस्थाओं की मिनरल एक्सप्लोरेशन में भागीदारी तय की जा सके. उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने और क्रिटिकल एवं स्ट्रेटजिक मिनरल्स के मामलें में चीन सहित विदेशों पर निर्भरता समाप्त कर देश व प्रदेश को इन मिनरल्स के मामलों में आत्मनिर्भर बनाया जा सके. उन्होंने तीन स्टेप का रोडमेप बनाने के निर्देश देते हुए पहले स्टेप में पोर्टल पर साझा करने के निर्देश दिए.
देश का 89 प्रतिशत पोटाश के भण्डार राजस्थान मेंः
प्रमुख सचिव टी. रविकान्त आज राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में मिनरल एक्सप्लोरेशन से जुड़े विशेषज्ञों के मंथन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि लेड, जिंक, सिल्वर, प्राकृतिक जिप्सम, वोल्सेटोनाइट, सेलेनाइट, केलसाइट आदि खनिजों के क्षेत्र में राजस्थान का लगभग एकाधिकार होने के साथ ही देश का 89 प्रतिशत पोटाश के भण्डार राजस्थान में है. उन्होंने दूसरे स्टेप की चर्चा करते हुए कहा कि भारत सरकार के एनएमईटी और राज्य के आरएसएमईटी के माध्यम से सरकारी व निजी क्षेत्र के एक्सप्लोरेशन प्रतिभागियों की भागीदारी तय की जाएगी और तीसरे स्टेप के रुप में देश दुनिया में खनिज खोज व खनन की नवीनतम तकनीक के उपयोग और आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का माइनिंग सेक्टर में सहभागिता सुनिश्चित करने पर कार्य होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोडमेप बनाकर तीनों स्टेप्स पर साथ साथ काम होगा. टी. रविकान्त ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 2019 में खनन नीति पर काम करते हुए सुधारात्मक निर्णय किये हैं. राजस्थान सरकार ने भी हाल ही में नई खनिज नीति और नियमों में आवश्यक प्रावधान कर सरलीकरण और पब्लिक प्राइवेट भागीदारी देने पर भी बल दिया है. उन्होंने बताया कि आज मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी में केवल एक वर्ष में ही राजस्थान शीर्ष पर आ गया है. निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि बदलते परिदृश्य में स्ट्रेटेजिक और क्रिटिकल मिनरल्स का ही समय है और सबसे अच्छी बात है कि राजस्थान में इस तरह के मिनरल्स के व्यापक डिपोजिट के चिन्ह मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 42 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में मिनरल्स के भण्डार है जिसमें से अभी तक केवल 5 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ही खोज खनन हो रहा है. उन्होंने राजस्थान में मिनरल सेक्टर में विपुल संभावनाएं बताई.
स्ट्रेटेजिक मिनरल्स की प्रोसेसिंग में चीन का एकाधिकारः
भारत सरकार के खान मंत्रालय के निदेशक योगेन्द्र भांभू ने कहा कि क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक मिनरल्स की आवश्यकता व महत्व को देखते हुए ही देश में माइनिंग सेक्टर में रिफार्मस लाये गये हैं. हमें एक दूसरे के आइडियाज और बेस्ट प्रेक्टिसेज को साझा करना होगा. जीएसआई के निदेशक संजय सिंह ने कहा कि आज क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक मिनरल्स की प्रोसेसिंग में चीन का एकाधिकार है. हमारे यहां अच्छे डिपोजिट्स होने के बावजूद हमें समन्वित प्रयासों से अभी काफी काम करना होगा. जीएसआई के ही निदेशक उत्तम कुमार प्रधान ने बताया कि देश का 89 प्रतिशत पोटाश के भण्डार राजस्थान में है. प्रदेश में अन्य खनिजों के भी विपुल भण्डार है. एनएमईटी के जयन्त गुप्ता ने माइनिंग एक्सप्लोरेशन में निजी क्षेत्र की भागीदारी के संबंध में आवश्यक प्रावधानों व लाइसेंस प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी. भारतीय गुणवत्ता परिषद के वरिष्ठ निदेशक डॉ. एके झा ने ओनलाईन पोर्टल पर विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई है और प्राइवेट प्लेयर्स के लिए भी गुणवत्ता और मानव संसाधन पर खास जोर दिया गया है. क्रिटिकल मिनरल ट्रेकर्स के निदेशक ऑपरेशन विक्रम के वाई ने मिनरल एक्सप्लोरेशन में एआई के उपयोग और उसके प्रभाव पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के नागपुर के पास एक्सप्लोरेशन में एआई का उपयोग करते हुए विश्लेषण किया गया है जिसके उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं. आईबीएम के चन्द्रेश कुमार बोहरा ने 29 क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक मिनरल्स के एक्सप्लोरेशन के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी तय की जा रही है. उन्होंने इसमें रेवेन्यू शेयर और रिवर्स ऑक्शन के बारे में जानकारी दी.